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साक्ची गुरुद्वारा प्रधान सरदार निशान सिंह का विपक्षियों पर तगड़ा प्रहार।
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जमशेदपुर: जैसे जैसे साक्ची गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान पद के चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं। चुनावी सरगर्मी बढ़ रही है।
पिछले दिनों गुरुद्वारा साहिब में सोलर पैनल सिस्टम के सब्सिडी मामले में प्रधान सरदार निशान सिंह ने विपक्ष को तगड़ा झटका देते हुए उनके झूठे आरोपों का पर्दाफाश किया। जिससे विपक्ष के लोग बैकफुट पर नजर आ रहे हैं।
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प्रधान सरदार निशान सिंह ने कहा कि सत्ता पक्ष के लिए एक विरोधी दल होना चाहिए। लेकिन विरोध करने वाले को सत्ता पक्ष के उपर आरोप लगाने से पहले अच्छी तरह से पढ़ाई कर लेना चाहिए। ताकि बाद में उनकी किरकिरी ना हो।
सरदार निशान सिंह ने आगे कहा कि विपक्ष ने दो मुद्दों पर स्पष्टीकरण की मांग की थी। पहला सोलर पैनल सिस्टम के सब्सिडी के संबंध में जिसका जवाब दिया गया। और विपक्ष द्वारा दूसरा सबसे महत्वपूर्ण आरोप कि हिसाब प्रत्येक तीन महीने में देना चाहिए। इस मामले पर सरदार निशान सिंह ने कहा कि साक्ची गुरुद्वारा साहिब का आय-व्यय का हिसाब तीन महीने में नहीं हर साल अप्रैल माह की बैसाखी पर देने का पुराना प्रावधान है। जिसे मौजूदा कमेटी फालो(अनुसरण) करती है।

उन्होंने हिसाब किताब पुछने वालों पर पलटवार करते हुए कहा कि हमसे लगभग 1 करोड़ का हिसाब मांगने वाली पिछली कमेटी के प्रधान हरविंदर सिंह मंटू चुनाव हारने के बाद जब हमारी कमेटी को कार्यभार सौंपा तो हिसाब में बनने वाली रकम नकद ना देकर फिक्स्ड डिपॉजिट की शक्ल में दिये। जिसकी मैच्योरिटी डेट काफ़ी लम्बे समयावधि की थी। हालांकि इस प्रकार गुरुद्वारा का हिसाब देना असंवैधानिक है। फिर भी उस वक्त हमारी कमेटी ने उनपर किसी तरह का एक्शन नहीं लिया। नयी कमेटी को जो पैसा तुरंत मिलना चाहिए था। उस पैसे का लम्बी मैच्योरिटी डेट का एफडी बना कर देना नयी कमेटी के साथ सरासर धोखा है।
सरदार निशान सिंह ने हरविंदर सिंह मंटू द्वारा नयी कमेटी को दिए गए फिक्स्ड डिपॉजिट सर्टिफिकेट सौंपने को सरल भाषा में समझाते हुए कहा कि मान लिजीए यदि आपको किसी से एक लाख रुपये की रकम आज की डेट में लेना है। और वो आज आपको एक लाख रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट बना कर दे जिसकी मैच्योरिटी डेट एक साल बाद की हो। तो उस रकम के ब्याज की कमाई पैसे देने वाले के पॉकेट मे ही जाएगा।
सरदार निशान सिंह ने आशंका जताई कि लगता है कि कमेटी को एफडी देने का फंडा ब्याज कमाने के उद्देश्य से किया गया था।
इस बार चुनाव नहीं लड़ने के अफवाह पर सरदार निशान सिंह ने विरोधियों की गलतफहमियों को दुरुस्त करते हुए कहा कि मेरे लिए अब चुनाव लड़ना और चुनाव जीतना आवश्यक हो गया है। क्योंकि अब गुरु घर को राजनीति करने वालों के भरोसे नहीं छोड़ सकते। गुरु घर एक धार्मिक स्थल है। न कि राजनीति करने का अड्डा।
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