jamshedpur-सिखों की पहचान अर्थात पगड़ी, केश दाढ़ी को लेकर कभी भी भारत देश में सवाल नहीं उठे हैं-अधिवक्ता कुलविंदर सिंह,know more about it.

jamshedpur

अर्ध सत्य बोल रहे राहुल गांधी 1984 याद रखें

केंद्र सरकार सिखों की पहचान को लेकर एडवाइजरी जारी करे
जमशेदपुर। राष्ट्रीय सनातन सिख सभा के राष्ट्रीय संयोजक अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने कांग्रेस सांसद एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह सिखों की पहचान को लेकर अर्ध सत्य बोल रहे हैं।


सिखों की पहचान अर्थात पगड़ी, केश दाढ़ी को लेकर कभी भी भारत देश में सवाल नहीं उठे हैं। भारतीय संविधान एवं कानून पर विश्वास रखने वाले किसी भी संस्था अथवा व्यक्ति द्वारा पहचान को लेकर भी प्रश्न नहीं खड़े किए गए।
अधिवक्ता कुलविंदर सिंह के अनुसार इस पगड़ी, केश और दाढ़ी पर प्रत्येक भारतीय गर्व करता है क्योंकि सिखों का इतिहास, विरासतऔर परंपरा कुर्बानी और बलिदान से भरा पड़ा है। अपनी पहचान के साथ सिख कभी समझौता नहीं करता है भले ही मुगलो ने उनके सर के दाम लगाए हो या अंग्रेज इन्हें काला पानी की सजा देते रहे। भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए गुरुओं ने जो किया है उसकी मिसाल दुनिया में कहीं नहीं मिलती है।

सम्बंधित खबरें


jamshedpur-समाजसेवी राजन गुप्ता ने श्री गुरु रामदास भलाई केंद्र में भारी संख्या में मेडिसिन सौंपी.


jadugora-आस्था का केंद्र बनता जा रहा है श्री पंच मुखी हनुमान जी का मंदिर.


jamshedpur-लाठीचार्ज का सर्वे रिपोर्ट।


jamshedpur-गुरदयाल सिंह ने दी चेतावनी।सोनारी गुरुद्वारा साहिब में फिर बिगड़ सकता है माहौल।


देश की आन बान शान रुपी इस पगड़ी पर सवाल कुछ स्वार्थी कांग्रेसियों ने खड़े करने शुरू किए थे। वोटों की गोलबंदी कराने के मकसद से सिख वेश में अपने एजेंट तैयार किए, जो बहरूपिया हैं जिन्हें न सिख गुरुओं और ना ही श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में विश्वास है ना ही उसके अनुसार जीवन जीते हैं। उन बहरूपियों किरदारों के बहाने सिख पहचान को निशाने पर लिया जाता रहा। आज शक्तिहीन कांग्रेस संघवाद की बात कर रही है। 1978 के आनंदपुर प्रस्ताव उसे देश विरोधी नजर आया और उसमें विदेशी हाथ दिखा। कांग्रेस के नकरात्मक धारणा के कारण देश में अविश्वास का माहौल बनाया गया और नतीजे में 1984 प्रधानमंत्री को मारा गया और प्रतिक्रिया में दस हजार से ज्यादा सिख मार दिए गए।


अधिवक्ता ने राहुल गांधी को सलाह दी है कि वह अपने पिता राजीव गांधी का कथन पढ़ें और उसे समझने की कोशिश करें कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है।
इस अधिवक्ता के अनुसार देश में आज भी कई राज्यों में जब मेडिकल इंजीनियरिंग के एंट्रेंस एग्जाम होते हैं, यहां तक की सीबीएसई की 10वीं 12वीं की फाइनल परीक्षा दूसरे केंद्र में होती है, वहां सिखों के पहचान पर सवाल खड़े नहीं होते लेकिन अमृत धारी सिख हो तो उसका कृपाण उतरवाया जाता है, लड़की हो तो उसका दोशाला अर्थात छोटी पगड़ी उतरवायी जाती है। देश में उदाहरण हैं बच्चों का इम्तिहान छूटा है उनका भविष्य बर्बाद हुआ है। दिल्ली हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पगड़ी कृपाण निकालने को कहा जाता है।


इस अधिवक्ता के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट मंत्री सरदार हरदीप सिंह पुरी, रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा, भाजपा राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा को चाहिए कि वह केंद्र सरकार पर दबाव डालकर सभी राज्यों और जिलों, सरकारी संस्थाओं को एडवाइजरी भेजवाएं। जिससे किसी को परीक्षा केंद्र रेल हवाई अड्डा अथवा सरकारी कार्यालय न्यायालय में पहचान के नाम पर सिख को परेशानी नहीं उठानी पड़े। दोषी व्यक्ति के लिए कठोर सजा का प्रावधान भी किया जाना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *