Attention-मकान मालिकों के लिए बुरी खबर। अब मकान किराये पर लगाना आसान नहीं होगा।know more about it.
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वित्त मंत्री के द्वारा 23 जुलाई को आम बजट पेश किया गया है। इस आम बजट में सरकार के द्वारा कई बदलाव किए गए हैं। एक ऐसा ही बदलाव उन मकान मालिकों के लिए किया गया है जो कि उनके लिए काफी नुकसानदायक साबित हुआ है। दरअसल पहले काफी सारे मकान मालिक टैक्स बचाने की कोशिश में थे लेकिन अब टैक्स बचाना काफी मुश्किल होगा। अगर आप भी एक मकान मालिक हैं और अपना मकान किराये पर उठाते हैं। साथ में इनकम टैक्स भी बचाते हैं लेकिन अब आप ऐसा करने में सझम नहीं होंगे।
सरकार के द्वारा में लिए गए इस फैसले में मकान मालिकों को काफी नुकसान होगा। दरअसल सरकार ने ये फैसला इसलिए लिया है कि कई मकान मालिकों के द्वारा टैक्स में चोरी की जा ही थी। जिसके बाद उस पर लगाम लगाना जरुरी था। इस बदलाव के बाद माकान मालिकों के द्वारा लिए गए किराएं पर टैक्स देना होगा।सरकार के इस फैसले के बाद मकान मालिकों को अपने मकान से हो रही इनकम को इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी के रूप में दिखाना होगा। इसमें इनकम फ्रॉम प्रॉपर्टी से तात्पर्य ये है कि किसी भी शख्स को अपनी घर से हुई कमाई पर टैक्स देना होगा।
आसान शब्दों में समझें
आसान शब्दों में समझें कि अब मकान मालिकों को किराएं से होने वाली इनकम पर टैक्स अदा करना होगा। केंद्र बजट 2024 के अनुसार, बजट में मकान मालिकों के लिए नया नियम लागू किया गया है। जो कि अप्रैल से लागू होगा। जानकारी के लिए बता दें इनकम फ्रॉम प्रॉपर्टी के तहत मकान मालिकों को कुछ टैक्स बेनिफिट भी दिया जाएगा। जो कि अपनी कमाई का 30 फीसदी टैक्स बचा पाएंगे। ये टैक्स डिडक्शन के तहत आता है। स्टैंन्डर्ड डिडक्शन का अर्थ है कि सरकार आपको कई प्रकार के खर्चों पर भी बेनिफिट देती है। लोग आमतौर पर हर रोज करते रहते हैं। सरकार के द्वारा इसके लिए कोई भी प्रूफ नहीं मांगे जाते हैं। वहीं मकान मालिकों को दूसरा टैक्स बेनिफिट पाने का ऑप्शन मिलेगा।
वह लोन पर लगने वाला ब्याज है। अगर आपने लोन से जमीन खरीदा हैं या फिर होम लोन से घर बनवा रहे हैं तो उसको अदा करने के लिए ब्याज देना होगा और टैक्स नहीं देना होगा। अब मन में ये सवाल होगा कि इससे क्या फायदा है तो अभी तक जो भी मकान मालिक रेंट इनकम को बिजनेस या फिर प्रोफेशनल दिखाते हैं वहीं किसी भी प्रकार का खर्च दिखाकर टैक्स बेनिफिट प्राप्त कर लेते है। इससे आपकी टैक्सेबल इनकम कम हो जाती है। आप इसमें टैक्स डिडक्शन क्लेम उठा सकते थे।
साभार: सोशलमीडिया