September 8, 2024

jamshedpur-अल्पसंख्यक सिख सेवा सदन के प्रेसवार्ता में अध्यक्ष चंदन सिंह का छलका दर्द।know more about it.

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जमशेदपुर स्थित टिनप्लेट के रिक्रेशन क्लब में अल्पसंख्यक सिख सेवा सदन की प्रेसवार्ता में अध्यक्ष श्री चंदन सिंह ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि 20 जून के दिन दुनिया भर में UNHCR संयुक्त राष्ट्र द्वारा शरणार्थियों के सम्मान में कार्यक्रम होते हैं। इस दिन को जब किसी व्यक्ति को उसके ही देश से जबरन निकाला जाता है। और वह किसी अन्य देश में शरण लेता है। और वह नागरिक उस देश के लिए शरणार्थी बन जाता है। यह कार्यक्रम उस दिन को याद दिलाता है।

ये समाचार आप गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी साक्ची, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सीतारामडेरा,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सोनारी, दुपट्टा सागर बिस्टुपुर, के सहायता से प्राप्त कर रहे हैं।

ਇਹ ਖਬਰ ਤੁਸੀਂ ਗੁਰੂਦਵਾਰਾ ਪ੍ਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਸੀਤਾਰਾਮਡੇਰਾ,ਗੁਰੂਦਵਾਰਾ ਪ੍ਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਸਾਕਚੀ, ਗੁਰੂਦਵਾਰਾ ਪ੍ਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਸੋਨਾਰੀ, ਦੁਪਟਾ ਸਾਗਰ ਬਿਸਟੁਪੁਰ ਦੇ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਪਾ੍ਪਤ ਕਰ ਰਹੇ ਹੋ ਜੀ।

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भारत के विभाजन का दर्द।

भारत भी इससे अछूत नहीं है। जब अविभाजित भारत का विभाजन हुआ उस वक्त दो समुदाय के बीच राजनीति और स्वार्थ के लिए भारत का विभाजन हुआ। और उस समय दुनिया का सबसे बड़ा नरसंहार हुआ। और करीब 10 लाख लोग मारे गए। जिसमें बच्चे, बुढ़े, जवान और महिलाएं शामिल थीं।
अध्यक्ष चंदन सिंह ने बताया कि उस समय की तत्कालीन सरकार बटवारे के मसौदे पर हस्ताक्षर करके पश्चिम पंजाब एवं पुर्वी बंगाल के लोगों को भाग्य के भरोसे छोड़ कर पलायन कर गए।
उन्होंने आज के नेताओं पर रोष जताते हुए कहा कि आज के सड़क छाप नेता उन शरणार्थियों का दर्द महसूस नहीं कर सकते हैं। जिन्होंने अपनों से बिछड़ने का दुख और महिलाओं की बेईज्जती और जबरन धर्मांतरण का दर्द सहा है।
क्या है शरणार्थियों की स्थिति।

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चंदन सिंह ने कहा भारत ने UNHCR में वर्ष 1951 और 1967 मे शरणार्थियों के लिए प्रोटोकॉल औपचारिकता प्राथमिकता नियम के मसौदा पर हस्ताक्षर नहीं किए। आज भी 1947 के शरणार्थी न्याय पाने के लिए भारत के विभिन्न राज्यों में भटक रहे हैं। जहाँ तक बिहार वर्तमान मे झारखंड की सरकार ने भी इनकी सुध नहीं ली। पहली खेप में सरकार ने 3000 से अधिक शरणार्थियों को एक रेलगाड़ी में बैठाकर सैकड़ों किलोमीटर दूर धालभूमगढ़ प्रखण्ड मे छोड़ दिया था। आज भी झारखंड में 1947 के शरणार्थी न्याय और अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।

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प्रेसवार्ता में अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने पाकिस्तान से आये शरणार्थियों को राहत सहायता दी है। हमारी संस्था भी मोदी सरकार से यह चाहती है कि झारखंड में रह रहे 1947 के शरणार्थियों को भी न्याय मिले।

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इस मौके पर अल्पसंख्यक सेवा सदन के सचिव सरदार मन्जीत सिंह मंजू ने आये हुए सभी पत्रकार बंधुओं का धन्यवाद किया। और संस्था के उप सचिव सरदार कुलवंत सिंह पहलवान ने पत्रकारों का आभार व्यक्त किया।
इस प्रेसवार्ता को सफल बनाने में अध्यक्ष चंदन सिंह के अलावा सचिव सरदार मंजीत सिंह मंजू तथा उप सचिव सरदार कुलवंत सिंह पहलवान, हवलदार गुरमीत सिंह, कश्मीर सिंह, जसविंदर सिंह, हरेन्द्र सिंह, प्रीत पाल सिंह, डा. परमजीत सिंह, रविंदर सिंह राजू आदि का सहयोग रहा।

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