women’s respect-नारी शक्ति के सम्मान में समर्पित,dedicated in honor of women power know more about
women’s respect
ये लेख उनके लिए है जो स्त्रियों को सम्मान नहीं देते। पुरा लेख पढ़ने के बाद शायद आपके दिल में महिलाओं के लिए सम्मान जाग जाए। इसलिए इस आर्टिकल को पुरा पढ़ें।सोशल साइट कोरा से लिया गया ये आर्टिकल आपका स्त्रियों के प्रति नजरिया बदलने में सहायक होगा।

जब कोई औरत बच्चे को जन्म देते वक्त दर्द से चीख रही होती है, उसी वक्त उसके पति को ला कर एक तरफ खडा़ कर दिया जाये, ताकि उसे पता चले कि उसकी पत्नी उसके वंश को आगे बढ़ाने की खातिर कैसे तड़प रही है, दर्द को झेल रही है और वह दर्द जो एक साथ कई हड्डियों के टूटने के बराबर होता है ताकि उसे बाद मे ये ना कह सके कि ” तुमने क्या किया है मेरे लिए..??
ताकि बात बात पर उसका अपमान न करे उसे घर से निकाल देने और तलाक़ की धमकी न दे, एक पल में न कह दे उसके माँ बाप को के ले जाओ अपनी बेटी को! तुम्हारी बेटी हमारे घर के लायक नहीं

एक पल में औरत को एक कौड़ी का कर देने वाले मर्द जो स्वयं औरत के ही गर्भ से पैदा होते हैं वह अगर उस दर्द का अंदाजा कर सके जो बीस हड्डियो के एक साथ टूटने के बराबर होता है! तो वह बात बात पर औरत का अपमान करना भूल जायेंगे
हर औरत को हवस की नजरों से देखने वालों जाहिलों तुम कब समझोगे की तुम भी एक औरत के ही संघर्ष का नतीजा हो जो अपने पैरों पर खड़े हो,औरत अपनी कोख से जनती है, बड़े बड़े महापुरुष वैज्ञानिक, पीर पैगम्बर फिर भी पाप का द्वार कहलाती है,चुप रहना ही स्वीकार्य है, बस बोले तो मार दी जाती है। प्रेम और विश्वास है गुण उसका उन से ही ठग ली जाती है।
जिस को पाला निज वात्सल्य से जिस छाती से जीवन सींचा उस छाती के कारण ही वो मर्दों की नजरों में आती है। मेरा तन मेरा है, कह दे तो मर्यादा का उल्लंघन है। और ये औरत ही विवाह समय बस दान में दे दी जाती है।
साहस भी है, अहसास भी है प्रकृति की रचना खास भी है, अपमानित हो कर फिर क्यों वो गाली में उतारी जाती है। वह औरत है सब सह जाती है वह सब सह जाती है,औरत उपहास की नहीं सम्मान कि हकदार है!
Note:महिलाओं से निवेदन है कि वो इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें, ताकि लोगों की मानसिकता स्त्रियों के प्रति उदार हो। और वो नारी शक्ति का अहसास करें। आज के समाज की भी यही आवश्यकता है।
नारी शक्ति के सम्मान में समर्पित
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