jamshedpur-चार सितम्बर को श्रद्धाभाव से मनाया जायेगा गुरु ग्रन्थ साहिब का पहला प्रकाश दिहाड़ा,know more about it.

jamshedpur


jamshedpur-सेन्ट्रल सिख नौजवान सभा के प्रधान अमरीक सिंह समेत 8 श्रद्धालुओं का जत्था हेमकुंड रवाना।


jamshedpur-ट्रस्टी स. रंजीत सिंह का जसबीर सिंह पदरी पर पलटवार।


jamshedpur-हरविंदर सिंह मंटू साकची गुरुद्वारा के प्रधान बने.


jamshedpur-विश्व मोटरसाइकिल दिवस पर विशेष.

साकची गुरुद्वारा में गुरु ग्रंथ साहिब का 421वां प्रकाश दिवस आगामी चार सितम्बर (बुधवार) को श्रद्धा पूर्वक मनाया जायेगा। जिसको लेकर गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी, साकची में प्रधान सरदार निशान सिंह ने रविवार को बैठक आयोजित कर पदाधिकारियों को प्रकाश दिहाड़ा धूम धाम से मनाने के लिए जरुरी दिशा निर्देश भी दिये हैं।

https://t.me/dailydosenews247jamshedpur

बैठक में निर्णय लिया गया है कि प्रकाश दिहाड़े से तीन दिन पूर्व एक सितम्बर को निशान साहिब के चोला बदला जायेगा जो की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के फरमान अनुसार बसंती रंग का चोला होगा। दो सितम्बर को अखंड पाठ की आरम्भता की जाएगी जिसकी समाप्ति चार सितम्बर को होगी उपरांत भाई साहब भाई संदीप सिंह जी ज्वद्दी (हजूरी रागी जत्था गुरुद्वारा साहिब साकची) और गुरप्रीत सिंह निक्कू अपनी मधुर स्वर में कीर्तन गायन की प्रस्तुति देंगे।


स्त्री सत्संग सभा एवं सुखमणि साहिब जत्था द्वारा भी शब्द कीर्तन गायन किया जायेगा। गुरु का अटूट लंगर भी बरताया जायेगा। बैठक में गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी, साकची, स्त्री सत्संग सभा और सुखमणि साहिब जत्था के वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।
विदित हो, गुरु ग्रंथ साहिब का पहला प्रकाश पर्व 30 अगस्त, 1604 को अमृतसर के हरिमंदिर साहिब में हुआ था। इस दिन पांचवें सिख गुरु, श्री गुरु अर्जन देव जी ने गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश उत्सव आयोजित किया था। गुरु अर्जन देव जी ने 1603 में भाई गुरदास से गुरु ग्रंथ साहिब लिखवाने का काम शुरू करवाया था, जो 1604 में पूरा हुआ। गुरु ग्रंथ साहिब में बिना किसी भेदभाव के कई विद्वानों और भक्तों की बाणी शामिल की गई है। सिखों के लिए गुरु ग्रंथ साहिब जीवंत गुरु के रूप में माना जाता है। यह केवल सिखों के लिए ही नहीं, बल्कि समूची मानवता के लिए आदर्श और पथ प्रदर्शक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *