Big Breaking-निशान साहिब के चोले का रंग बदलने के आदेश जारी।know more about it.
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निशान साहिब के चोले का रंग बदलने के आदेश जारी।
”निशान साहिब” को लेकर पांच सिंह साहिबानों का बड़ा फैसला, जारी हुए आदेश
पांच सिंह साहिबों ने गुरुद्वारा साहिब में चढ़ाए जाने वाले निशान साहिब को लेकर बड़ा फैसला लिया है। दरअसल एस.जी.पी.सी. धर्म प्रचार कमेटी ने एक सर्कुलर जारी करते हुए निशान साहिब की पोशाक का रंग बदलने के आदेश जारी किए हैं।
केसरी निशान हटाकर बसंती रंग की पोशाक का निशान लगाने का आदेश जारी किया गया है। जारी आदेश में कहा गया है कि निशान साहब की पोशाक का रंग बसंती या सुरमई ही होना चाहिए, क्योंकि केसरी निशान भगवा रंग का भ्रम (भुलेखा) देता है।
सिखों की सिरमौर संस्था सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने निशान साहिब को लेकर बड़ा फैसला लिया है। एसजीपीसी ने निशान साहिब की पोशाक का रंग बदलकर बसंती रंग करने का निर्देश दिया है।
आपको बता दें कि निशान साहिब सिखों का पवित्र ध्वज है। जिसे सिखों की सभी धार्मिक जगहों पर फहराया जाता है। सिख लोग इस ध्वज का इस्तेमाल धार्मिक और राजनीतिक रैलियों में भी करते हैं। साथ ही यह भी बता दें कि ये ध्वज भारतीय सेना के सिख रेजिमेंट में उनके हर गुरुद्वारे पर लगा होता है। त्रिकोण आकार में दिखने वाला यह ध्वज सूती या रेशम के कपड़े का बना होता है। इसे सिखों की धार्मिक जगहों पर ऊंचाई पर फहराया जाता है।
निशान साहिब का महत्व
निशान साहिब खालसा पंथ का पारंपरिक प्रतीक है। काफ़ी ऊंचाई पर फहराए जाने के कारण निशान साहिब को दूर से ही देखा जा सकता है। किसी भी जगह पर इसके फहराने का दृश्य, उस मोहल्ले में खालसा पंथ की मौजूदगी का प्रतीक माना जाता है। हर बैसाखी पर इसे नीचे उतार लिया जाता है और एक नए परचम से बदल दिया जाता है। किसी भी संस्था के ध्वज की तरह, निशान साहिब खालसा का प्रतीक है और इसे हर गुरुद्वारा परिसर में फहराया जाता है।
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