jamshedpur-ट्रस्टी स. रंजीत सिंह का जसबीर सिंह पदरी पर पलटवार।

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SIKH MEDIA JAMSHEDPUR

💥सिख मीडिया के संवाददाता ने इस संबंध में ट्रस्टी रंजीत सिंह से संपर्क किया।
जमशेदपुर:
टुईलाडुंगरी गुरुद्वारा साहिब के प्रधान पद हेतु चुनावी हलचल शुरू हो चुकी है। और इसके साथ ही स्थानीय सिख संगत के बयान भी आने शुरू हो गये हैं।
ये समाचार आप
सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जमशेदपुर,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी साक्ची,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी नामदा बस्ती,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सरजामदा,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी मानगो,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सीतारामडेरा,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी टिनप्लेट,दुपट्टा सागर बिस्टुपुर,सिख विजडम
के सौजन्य से प्राप्त कर रहे हैं।
इस बीच पूर्व प्रधान जसबीर सिंह पदरी ने ट्रस्टी रंजीत सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि गुरुद्वारा परिसर में स्थित एक हाल को भाड़े में कोई व्यवसायी गोदाम के लिए लेना चाहता था। और हर महीने 85 हजार रुपये भाड़े की बात चल रही थी। लेकिन ट्रस्टी रंजीत सिंह ने गुरुद्वारा साहिब का हाल उसे भाड़े पर नहीं दिया। उससे गुरु घर का नुकसान हुआ। और उसी व्यवसायी को 97 हजार रुपये भाड़े पर अपने किसी रिश्तेदार की जगह दे दिया। जिससे गुरु घर का सीधे सीधे तौर पर नुकसान हो रहा है।
चूंकि मामला गुरु घर से जुड़ा हुआ था।इसलिए सिख मीडिया के संवाददाता ने इस संबंध में ट्रस्टी रंजीत सिंह से संपर्क किया। और सच्चाई जानने की कोशिश की।
💥क्या कहा ट्रस्टी रंजीत सिंह ने।
इस मामले में ट्रस्टी रंजीत सिंह ने स्पष्ट किया कि,
💥सर्फ कंपनी के लोग टुईलाडुंगरी गुरुद्वारा साहिब के परिसर मे स्थित हाल को किराये पर लेने के लिए बात करने आये थे। और हम उन्हें वह स्थान देने के लिए राजी थे। सब बात फाइनल हो चुकी थी एग्रीमेंट भी होने जा रहा था। तभी जसबीर सिंह पदरी के समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया। और कहने लगे गुरु घर का हाल किसी भी कीमत पर भाड़े पर नहीं देने देगें। जसबीर सिंह पदरी के समर्थकों द्वारा हल्ला हंगामा होने पर उक्त कंपनी के लोग वहां से उठकर चले गए।
💥ट्रस्टी रंजीत सिंह ने कहा कि ये सब होने के बावजूद भी पार्टी दो महीने तक चक्कर लगाती रही। लेकिन पदरी गुट द्वारा बारबार उन्हें भगा दिया जाता था। जिससे अपने समाज की बदनामी हो रही थी। आज जो जसबीर सिंह पदरी गुरुद्वारा चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए गलत आरोप लगा रहे हैं। उसके जिम्मेदार वह खुद हैं।
रही बात पार्टी की तो उसे कोई न कोई जगह किराये पर लेनी हीं थी। और वह किसी विवाद में पड़ना नहीं चाहते थे। उनके पास और बहुत से विकल्प थे। इस बीच उनको हमारे रिश्तेदार द्वारा अपने जगह को भाड़े पर देने का प्रपोजल दिया गया। और उन्हें उनकी जगह कंपनी के अनुरूप लगी। जहां उन्हें सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध थीं। इसलिए उन्होंने उनकी जगह किराये पर ले लिया। इसमें जसबीर सिंह पदरी को क्यों तकलीफ हो रही है।
उन्होंने कहा कि गुरु घर का नुकसान उन्होंने नहीं किया बल्कि जसबीर सिंह पदरी एवं उनके कुछ शरारती तत्वों ने किया है। उन्होंने अपनी तरफ से पुरी कोशिश की थी। लेकिन अंत में पदरी के सामने सरेंडर होना पड़ा।
💥उन्होंने कहा कि अभी भी कुछ पार्टियां आ रही हैं। लेकिन जसबीर सिंह पदरी के समर्थकों द्वारा पहले ही पार्टी की बेइज्जती कर दिया गया था। अब फिर ऐसा न हो इसलिए हम भाड़ेदारों को मना कर रहे हैं।
💥उन्होंने संवाददाता को बताया कि जसबीर सिंह पदरी ने अपने 6 साल के कार्यकाल के बाद अपने सगे भाई को प्रधान बनाया। और मात्र 15 हजार रुपये नयी कमेटी को दिया। वहीं मैंने मात्र 25 महीने अपनी देखरेख में कमेटी चलाया और जब नयी कमेटी सुखराज सिंह राजा के प्रधानगी में बनी उस वक्त मैंने 8 लाख रुपये सुखराज सिंह राजा की कमेटी को सौंपा था। जोकि आजतक का रिकॉर्ड है। इन 25 महीनों के दौरान गुरु घर के सभी कार्य गुरु पर्व, लंगर तथा गुरु घर के विकास साफ सफाई पुराने वायरिंग को हटाकर नयी वायरिंग करवाना, पुट्टी, प्राइमर पेन्टिंग इत्यादि के खर्च भी संगत के सहयोग से किए गए।
💥ट्रस्टी रंजीत सिंह ने कहा कि 25 महीने तक उन्होंने गोलक नहीं खोली लेकिन जब नयी कमेटी आई उस समय गोलक खोला गया और गोलक का साढ़े चार लाख एवं बैंक में रखा गया साढ़े तीन लाख नयी कमेटी सुखराज सिंह को सौंप दिया गया।
💥गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों पर उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। और प्रधान पद के लिए दो नाम आ चुके हैं। सूत्रों से पता चला है कि एक उम्मीदवार ने सीजीपीसी आफिस में जाकर अपने नाम के लिए संपर्क किया है।
ट्रस्टी रंजीत सिंह ने कहा कि कुछ बुद्धिजीवी लोग सर्वसम्मति कराने के लिए भी आगे आ रहे हैं। ताकि समाज में आपसी भाईचारा और सौहार्द बनी रहे।
लेकिन इसके लिए सबसे जरुरी है कि उम्मीदवार तय हो जाएं। उसके बाद ही सर्वसम्मति पर निर्णय लिया जा सकता है।
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