Big accusation-CGPC ने झूठ की कहानी गढ़ने में पीएचडी कर रखी है- कुलविंदर सिंह KNOW MORE ABOUT IT.

Big accusation


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जमशेदपुर: सीजीपीसी द्वारा अवतार सिंह सोखी को बारीडीह गुरुद्वारा का प्रधान घोषित करने से खफा बारीडीह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (2022- 2025) के प्रधान कुलविंदर सिंह ने कहा कि सीजीपीसी के पांच ओहदेद्दार फर्जीवाड़ा के मास्टर हैं। ये ब्लफर हैं और झूठ की कहानी गढ़ने में पीएचडी कर रखी है।

ਇਹ ਖਬਰ ਤੁਸੀਂ ਗੁਰੂਦਵਾਰਾ ਪ੍ਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਸੀਤਾਰਾਮਡੇਰਾ,ਗੁਰੂਦਵਾਰਾ ਪ੍ਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਸਾਕਚੀ, ਗੁਰੂਦਵਾਰਾ ਪ੍ਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਸੋਨਾਰੀ, ਸਿਖ ਵਿਜਡਮ (ਸੀਜੀਪੀਸੀ),ਦੁਪਟਾ ਸਾਗਰ ਬਿਸਟੁਪੁਰ ਦੇ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਪਾ੍ਪਤ ਕਰ ਰਹੇ ਹੋ ਜੀ।

उनकी झूठी कहानी है कि कुलविंदर सिंह ने इस्तीफा दे दिया था, इस्तीफा पत्र नहीं दिखाएंगे। 14 दिसंबर को कहा कि अवतार सिंह सोखी गलत है मान्यता नहीं देंगे, उसने कोई नामांकन पर पत्र दाखिल नहीं किया फिर भी उम्मीदवार मान लिया। इतना ही नहीं चुनाव की प्रक्रिया का ड्रामा किया, प्रक्रिया पूरा किए बिना उसे प्रधान बना दिया। जबकि उसने लिखित रूप से दिया कि वह बाबा वद्भाग सिंह के डेरे जाता है परंतु प्रण करता है आगे से नहीं जाएगा, उसे पर कार्रवाई नहीं होती बल्कि पुरस्कार दिया जाता है। सेंट्रल कमेटी का नुमाइंदा कुलदीप सिंह है, वह सीनियर वाइस प्रेसिडेंट है उसे बारीडीह मैं पांच मेंबरी सदस्य बना कर भेजा गया। 14 जून को उसे गलत बताया गया और 22 जून को उसे उम्मीदवार खुद ही मान लिया।
यह सेंट्रल कमेटी अजीब है, फिर इन्हें डेरा वडभाग सिंह को मानने वाले अवतार सिंह में पंथिक दोष नजर नहीं आया लेकिन कुलदीप सिंह में दोष दिख गया। मैं शुरू से यह दावा करता रहा हूं कि अवतार सिंह को प्रधान बनाने की पटकथा सेंट्रल कमेटी के दफ्तर में लिखी गई है और वह सच साबित हुई।
सेंट्रल कमेटी लोगों को भ्रमित कर रही है कि सब कुछ संविधान के दायरे में हुआ है। सब कुछ मनमर्जी से हुआ है सत्ता की नजदीकी से हुआ है

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नामदा बस्ती के चुनाव का श्रेय लेने वाले सेंट्रल कमेटी के झूठे ओहदेदारों ने बारीडीह में चुनाव क्यों नहीं करवाया?
क्यों चुनाव की प्रक्रिया पूरी नहीं की। मतदाता सूची को अंतिम रूप क्यों नहीं दिया? उम्मीदवारों के नाम लिखित रूप में क्यों नहीं मांगे गए? कार्यक्रम क्यों नहीं तय हुआ?
यदि चुनाव होता तो इन्हें समझ में आ जाता क्योंकि चुनाव का बॉयकॉट होता। यदि प्रशासन एवं सत्ता के जोर पर सेंट्रल कमेटी चुनाव भी करवाती तो अवतार सिंह कभी जीत नहीं पाते। इसलिए चोर दरवाजे से अवतार सिंह को प्रधान घोषित कर दिया।

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