sagrand-साकची गुरुद्वारा में देसी कैलेंडर अनुसार भादो माह की संग्राद पर विशेष कीर्तन दरबार,know more about it.
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“भदूय भरम भुलानिया दूजे लगा हेत…..” सबद गायन कर किया गया भादो माह का स्वागत
साकची गुरुद्वारा में देसी कैलेंडर अनुसार भादो माह की संग्राद पर विशेष कीर्तन दरबार सजाया गया जहाँ संगत ने “भदूय भरम भुलानिया दूजे लगा हेत…..” सबद गायन कर भादो माह का स्वागत किया।
ਇਹ ਖਬਰ ਤੁਸੀਂ ਗੁਰੂਦਵਾਰਾ ਪ੍ਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਸੀਤਾਰਾਮਡੇਰਾ,ਗੁਰੂਦਵਾਰਾ ਪ੍ਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਸਾਕਚੀ, ਗੁਰੂਦਵਾਰਾ ਪ੍ਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਸੋਨਾਰੀ, ਸਿਖ ਵਿਜਡਮ (ਸੀਜੀਪੀਸੀ),ਦੁਪਟਾ ਸਾਗਰ ਬਿਸਟੁਪੁਰ ਦੇ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਪਾ੍ਪਤ ਕਰ ਰਹੇ ਹੋ ਜੀ।
शुक्रवार को इस मौके पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी, साकची (जीपीसीएस) द्वारा आजोजित भादो माह की संग्रांद में संगत ने बड़ी संख्या में श्रद्धा भाव से गुरुद्वारा साहिब में गुरु ग्रन्थ साहिब के सम्मुख माथा टेका और विश्व कल्याण के लिए अरदास कर गुरु घर की खुशियां प्राप्त की। साकची गुरुद्वारा के प्रधान सरदार निशान सिंह एवं महासचिव परमजीत सिंह काले ने बताया कि नानकशाही कैलेंडर अनुसार गुरुद्वारा साहिब में हर माह विशेष कीर्तन दरबार सजाया जाता है।
इस उपलक्ष्य पर आयोजित कीर्तन दरबार में सर्वप्रथम सुखमणि साहिब जत्था ने कीर्तन गायन किया उपरांत सिख स्त्री सत्संग सभा, साकची की बीबीयों ने गुरबाणी सबद गायन किया। गुरुद्वारा साहिब साकची के हजूरी रागी जत्था भाई संदीप सिंह जी जवद्दी ने ‘भदूय भरम भुलानिया दूजे लगा हेत, लख सिगार बड़ाईआ कारज नाहीं केत’ कीर्तन गायन कर भादो माह का स्वागत किया जबकि गुरुद्वारा साहिब साकची के ग्रंथी भाई अमृतपाल सिंह ने गुरमत विचार संगत के साथ साझा करते हुए उन्होंने भादो माह की संग्राद के बारे विस्तार पूर्वक वर्णन किया। कीर्तन दरबार की समाप्ति के कड़ाह प्रसाद वितरण के बाद गुरु का अटूट लंगर बरताया गया, जिसमें संगत ने बड़े ही श्रद्धा भाव और प्रेमपूर्वक से लंगर ग्रहण किया।