religion-हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा लक्ष्मण द्वारा बनवाया गया था। इस तथ्य से कितना इत्तेफाक रखते हैं सिख ? know more about it.

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जिस मंदिर को लक्ष्मण ने बनवाया था, गुरु गोविंद सिंह ने की थी उसमें पूजा-अर्चना, वही बन गया हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा इस तथ्य से कितना इत्तेफाक रखते हैं सिख ?

विश्व के सबसे अधिक उंचाई पर स्थित गुरुद्वारा  के कपाट 23 को ही विधिविधान के साथ श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोल दिए गए थे। उत्तराखंड के चमोली जिले में 15200 फीट पर स्थित गुरूद्वारे के कपाट खुलने की प्रक्रिया पंच प्यारों की अगुवाई में सुबह साढ़े दस बजे संपन्न हुई। इससे पहले, सुबह गुरुग्रंथ साहिब को दरबार साहिब लाया और सुखमणि साहिब के पाठ के साथ कपाट खुलने की प्रक्रिया पूरी हुई। 

हेमकुंड साहिब सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह की तपस्थली मानी जाती है। हिमाच्छादित पर्वत श्रंखलाओं के मध्य  हेमकुंड सरोवर के समीप श्री  हेमकुंड गुरुद्वारा और लोकपाल तीर्थ स्थित है। यहां पहुंचने के लिए बदरीनाथ के निकट  गोविंद घाट से पुलना गांव तक मोटर मार्ग से तथा उसके आगे लगभग 17 किलोमीटर पैदल चल कर पहुंचा जा सकता है। देश—विदेश के लाखों श्रद्धालु हर साल  हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए आते हैं । इस बार  हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए हर दिन अधिकतम 5000 यात्रियों की संख्या तय की गयी है । इसी मार्ग पर विश्वविख्यात फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान भी स्थित है जो जून से पर्यटकों के लिए खुलता है।

क्या ये मान्यता सच है?

हेमकुंड साहिब के बारे मे कहा जाता है कि यह स्थान रामायण काल से संबंधित है। यहाँ पहले हिन्दू मंदिर था। जिसे राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने बनाया था। यहाँ पर गुरु गोबिंद सिंह जी ने तप किया था। जिसका उल्लेख दशम ग्रंथ मे हुआ था। सिख गुरु के नाम से संबंधित होने के कारण बाद में इस स्थान को गुरुद्वारा घोषित कर दिया गया। गुरुद्वारे के ठीक बगल मे लक्ष्मण जी का मंदिर भी है। बताया जाता है कि वहीं एक झील भी है। जिसमें हाथी पर्वत और सप्त ॠषि पर्वत से जल आता है।


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