kya kahta hai sikhism-सिख क्यों रखते हैं बाल तथा दाढ़ी मूंछ?know more about it.
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आपने देखा होगा सिख धर्म के मानने वाले लोग दाढ़ी मूंछ और बाल रखते हैं। और उन्हें इस पर काफी गर्व भी होता है। क्योंकि सिख गुरुओं ने सिखों के लिए पांच ककार अनिवार्य किए हैं। जिसमें से केश रखना भी अनिवार्य है।
आखिर सिख क्यों रखते हैं बाल और दाढ़ी मूंछ?
आपने देखा होगा कि सिक्ख लोग लंबी दाढ़ी और घना मूंछ रखते हैं। यह अपने केशों को भी काफी सलीके रखते हैं और कभी बाल कटवाते नहीं हैं। इसका न सिर्फ धार्मिक कारण है बल्कि यह स्वास्थ्य से भी जुड़ा मामला है।
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गुरु गोविंद सिंह जी ने कहा है कि सिक्ख की पहली पहचान है केश। इसलिए सिक्खों को अपने केश को नहीं कटवाने चाहिए। केश प्रकृति का अमूल्य उपहार है।हमारी प्राचीन सभ्यता में सभी स्त्री पुरूष ज्यों का त्यों केश धारण करते थे। समय के अन्तराल में कुछ लोगों ने केशों को कटवाना शुरु कर दिया।
बाल नहीं कटवाने का यह है बड़ा कारण
अब केवल ऋषि मुनि या संत जन ही केशधारी शेष रह गये। जबकि प्रकृति ने हमे केश दिए हैं तो इसका कोई बड़ा कारण है। केश कटवाकर हम प्रकृति के नियमों का खंडन करते हैं।ऐसा सिख गुरुओं का मानना है। सिखों के गुरुओं ने सभी सिखों को हुक्म दिया है कि भगवान ने हमें जिस रूप में पैदा किया है। हमें उसमें कोई छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए। इसीलिए सिखों को खालसा यानि खालिस (pure) कहा जाता है।सिखों को बाल रंगने की भी मनाही है।
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गुरु गोविंद सिंह जी ने बताया कि केश प्रकृति ने सुंदरता के प्रतीक के तौर पर दिया है। यह मनुष्य के मस्तिष्क को सुरक्षित रखते हैं।
दाढी दैवी गुणों दया, धैर्य, क्षमा, शान्ति, संतोष के प्रतीक। मूंछे वीरता, शौर्य के प्रतीक है। पुरुषों को सौन्दर्य करने की जरुरत नहीं है। कृत्रिम श्रृंगार की आवश्यकता नारियों को है।