jamshedpur-क्या कहते हैं जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के वोटर।know more about it.
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Daily Dose News
क्या कहते हैं जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के वोटर[PART 2]
ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर
जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा चुनाव क्षेत्र में डेली डोज़ न्यूज़ चैनल की टीम लगातार वोटरों के बीच जाकर उनकी राय जानने की कोशिश कर रही है। कि उनको अपने क्षेत्र के विकास के लिए कैसा प्रतिनिधि होना चाहिए। इसी क्रम हमारी टीम ने सिख बहुल इलाकों का सर्वे किया। जिसमें पता चला कि इस बार के विधानसभा सीट के लिए उन्हें किसी राष्ट्रीय या क्षेत्रीय पार्टी द्वारा टिकट मिलना चाहिए था। चूंकि जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में आज तक जितने भी चुनाव हुए चाहे वो लोकसभा के हों या फिर विधानसभा के चुनाव हों सिखों के वोट निर्णायक सिद्ध हुए हैं। एक सिख वोटर ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में सिख वोट ने ही विद्युत महतो को निर्णायक जीत दिलाई थी। सिखों को उम्मीद थी कि बीजेपी सिखों को इसके लिए तोहफा के रूप में किसी सिख चेहरे को टिकट देगी। किन्तु भाजपा ने इस बार भी सिख समुदाय को सिर्फ भाजपा का झंडा ढोने तक ही तवज्जो दिया। जिसका उन्हें अफसोस है।
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डेली डोज़ न्यूज़ द्वारा एक वरिष्ठ सिख से अमरप्रीत सिंह काले की भूमिका के बारे में पूछा गया। बताते चलें कि अमरप्रीत सिंह काले जो कि पूर्व में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता थे। और कुछ कारणों से पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था। और अभी फिर उन्हें पार्टी ने प्रदेश प्रवक्ता का पदभार सौंपा है।अमरप्रीत सिंह काले के विषय पर उन्होंने कहा कि अमरप्रीत सिंह काले शहर में सिख समुदाय के अलावा हिन्दू समाज के भी लोकप्रिय नेता हैं। उनकी पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में अच्छी और मजबूत पकड़ है। उनकी भाजपा के शिर्ष नेताओं से भी अच्छे ताल्लुक हैं। और राजनीतिक गतिविधियों के अलावा समाजिक कार्यों में भी काफी सक्रिय रहते हैं। उनकी पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में लोकप्रियता से डरे हुए भाजपा ने उन्हें आनन-फानन में अपने स्वार्थ के लिए और सिख समुदाय को खुश करने के उद्देश्य से फिर प्रदेश प्रवक्ता बनाया। जबकि अमरप्रीत सिंह काले जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा के प्रबल दावेदार थे। लेकिन भाजपा के परिवार वाद वाले राजनीति ने उनसे यह मौका छीन लिया।
एक सिख व्यक्ति ने कहा कि बीजेपी यदि ये सोचती है कि अमरप्रीत सिंह काले को प्रदेश प्रवक्ता का लॉलीपॉप देकर वह सिख समाज को खुश कर देगी। तो पार्टी का सोचना गलत है। सिख वोटर इतना बेवकूफ नहीं है। सिखों को समझ है कि ये लॉलीपॉप सिर्फ वोट बटोरने वाली राजनीतिक चाल है।
इस बीच विश्वस्त सुत्रों के हवाले से पता चला है कि सिखों की सर्वोच्च संस्था सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख सरदार भगवान सिंह भी बीजेपी द्वारा सिख वोटर को रिझाने के एवज़ में जो चाल अमरप्रीत सिंह काले को प्रदेश प्रवक्ता बनाकर देना चाहती है। उसे सिरे से नकार दिया है। वह शुरू से ही जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से एक सिख उम्मीदवार चाहते थे।
परिवार वाद पर हिमांता विस्वासरमा क्या कहते हैं?
असम के मुख्यमंत्री कल जमशेदपुर के पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। एक पत्रकार ने उनसे परिवार वाद के विषय पर सवाल पूछा कि जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा में पिछले 30 सालों से एक ही परिवार को टिकट दिया जाता है। इस बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में उड़ीसा के राज्यपाल श्री रघुवर दास जी की बहू को टिकट दिया गया। तो उन्होंने पार्टी का बचाव करते हुए कहा कि इसे भाजपा परिवार वाद नहीं मानता। पार्टी को नया चेहरा चाहिए था। आप इसे रघुवर दास की बहू की नजर से नहीं एक उम्मीदवार की नजर से देखें। लेकिन उनके इस उत्तर से लोग संतुष्ट नहीं हैं।