jamshedpur-साक्ची गुरुद्वारा कमेटी चुनाव 2025: निशान सिंह ने विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों के दिए जवाब।

Sakchi Gurudwara Committee Election 2025

जमशेदपुर: साक्ची गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कार्यवाहक प्रधान सरदार निशान सिंह ने लम्बी चुप्पी के बाद आखिरकार न चाहते हुएआज उन्होंने संवाददाता को बताया कि वह चाहते हैं कि चुनाव बिना किसी वादविवाद के सम्पन्न हो। लेकिन विपक्षी गुट द्वारा कभी हिंसा और कभी बेवजह आरोप लगाकर चुनावी प्रक्रिया को हिंसात्मक रुप देना चाह रहे हैं। विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब देते हुए सर्वप्रथम स्कूल लीज मामले पर हरविंदर सिंह मंटू से पूछा कि आखिर उनकी ऐसी क्या मजबूरी थी और संगत से क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। कि भलीभांति चल रहे मार्डन इंग्लिश स्कूल की 16000( सोलह हजार) square Feet जगह को लीज पर दिया गया।

और संगत से झूठ बोल रहे हैं। जबकि लीज डीड जोकि 2019 में मंटू के कार्यकाल में बना और उसमें साफ साफ लिखा गया है। कि स्कूल के सभी क्लास रूम समेत 16000 स्क्वायर फीट 3 साल के लीज पर दिया गया था। इस प्रकार का गैर संवैधानिक डीड बनाने के पिछे का राज क्या है। संगत को बताया जाए। निशान सिंह ने आगे कहा कि जबकि उनके द्वारा उसी पार्टी को संवैधानिक रूप से 11 महिने का रेंट एग्रीमेंट के साथ दिया गया। जोकि नियम के अनुसार सही था।
उन्होंने कहा कि मंटू ने 16000 स्क्वायर फीट जिसमें पूरा का पूरा तीन मंजिल स्कूल क्लास रूम समेत रनिंग स्कूल को लीज पर कैसे दे दिया। इसके पीछे क्या राज है। क्या सामने वाली पार्टी को इस प्रकार के असंवैधानिक कागजात तैयार करके देने के पीछे किसी प्रकार का लाभ पहुंचाया गया? यदि हां तो उसमें मंटू के टीम की कितनी हिस्सेदारी थी।

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हमारी कमेटी ने उसी पार्टी से किया रेंट एग्रीमेंट।

सरदार निशान सिंह ने कहा कि जिसे मंटू ने 16000 स्क्वायर फीट जगह असंवैधानिक रूप से 85 हजार में दिया। उसी पार्टी को मेरी कमेटी द्वारा संविधान के तहत 11 महीने के रेंट एग्रीमेंट के तहत 3700 स्क्वायर फीट जिसमें मात्र 2 हाल, 1 रुम, 1 लैब 90 हजार में दिया गया। अब संगत खुद फैसला करे। कौन सही है और कौन गलत।

वेलफेयर एकाउंट क्या है।

चुनाव हारने के बाद हरविंदर सिंह मंटू ने हिसाब में वेलफेयर एकाउंट का जिक्र किया है। जिसमें 2,35,470/- बाकी है। इस बारे मे बार बार पुछने पर मंटू की ओर से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिलता है। इस विषय पर निशान सिंह ने कहा कि अब 3 साल हो चुके हैं।और अब कमेटी का चुनाव भी होने वाला है। इसको ध्यान में रखते हुए मंटू को वेलफेयर एकाउंट के 2,35,470/- के संबंध में कमेटी को अवगत कराना चाहिए। कि यह वेलफेयर एकाउंट क्या है।और कब से है।और इसे कौन चला रहा था।

मंटू चुनाव से पहले जवाब दे।

दिनांक 10-07-2018 का चेक number 2041672and73 Amount 300000/- किसके नाम पर जारी किया गया है।और क्यों दिया गया है। और चार साल से रिकवरी क्यों नहीं की गई। 2018 से 2022 तक यानी 4 साल तक मंटू ने रिकवरी क्यों नहीं किया। इस 3 लाख रुपये की जवाबदेही मौजूदा प्रधान की है। मंटू चुनाव से पहले जवाब दे।सरदार निशान सिंह का कहना है कि मंटू ने अपने कार्यकाल के दौरान ये पैसा क्यों नहीं वसूला। अब संगत चाहती है कि यह पैसा मंटू गुरुद्वारा कमेटी में जमा करवायें।

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इस बीच मंटू गुट के राजू मारवाह द्वारा दिए गए बयान पर सरदार निशान सिंह ने कहा कि जो 4 लाख रुपये अन्य बकायेदारों के हैं। और वह हमारे कमेटी के उच्च पद पर भी हैं। उनकी जानकारी के लिए बता दें कि वह मंटू के साथ भी उच्च पदों पर थे। और अब उनकी बकाया राशि किस साल की और किस चीज का पैसा है संगत को इसकी जानकारी दें।
और सरदार निशान सिंह ने संगत से भी अनुरोध किया है कि इन सब सवालों का जवाब मंटू से मांगे। क्योंकि ये पैसा संगत का है। और सवाल पुछने का हक संगत का भी बनता है।

एक महत्वपूर्ण बात पर चर्चा करते हुए निशान सिंह ने बताया कि चुनाव हारने के उपरांत मंटू द्वारा ढाई ढाई लाख रुपये नगद राशि के रूप में गुरुद्वारा कमेटी के एकाउंट में क्रमशः 19,21,एवं 22 जून 2022 को जमा कराया गया। जबकि उन्हें 26 जून 2022 को चार्ज मिला। अब उन्होंने मंटू से सवाल किया है कि मंटू बताएं वह किसका पैसा था। और कितने दिन से बाकी था। और वह पैसा किसके पास था। संगत भी मंटू से पूछे सवाल।

हरविंदर सिंह मंटू को संगत से माफ़ी मांगनी चाहिए।

सरदार निशान सिंह ने सख्त लहजे मे कहा कि पिछले तीन साल में कोई कभी हिसाब मांगने नहीं आया। अब चुनाव के समय हिसाब किताब मांगने की याद आ रही है। उन्होंने कहा हमारा हिसाब साफसुथरा है। और नियम के अनुसार हर साल बैसाखी पर्व पर गुरुद्वारा साहिब के नोटिस बोर्ड पर लगा दिया जाता है। और इस वर्ष का हिसाब भी विगत बैसाखी पर्व के मौके पर गुरुद्वारा साहिब के नोटिस बोर्ड पर लगा दी गई है। मंटू संगत को गुमराह करना बंद करें।

निशान सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनका हिसाब पेन्सिल पर नहीं पेन पर रहता है। और अब स्थानीय संगत ने निशान सिंह का पक्ष लेकर कहा कि हिसाब किताब पर उंगली उठाने वाले हरविंदर सिंह मंटू को संगत से माफ़ी मांगनी चाहिए।

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