September 9, 2024

jamshedpur-झारखंड में सिख अनुसुचित जाति को आरक्षण की सुविधा लागू करे सरकार- चंदन सिंह, अध्यक्ष, अल्पसंख्यक सिख सेवा सदनknow more about it.

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जमशेदपुर के टिनप्लेट स्थित रिक्रिएशन क्लब

में प्रेसवार्ता के दौरान अल्पसंख्यक सिख सेवा सदन के अध्यक्ष श्री चंदन सिंह ने कहा कि अनुसुचित जाति को आरक्षण का प्रावधान लागू हुए 71 वर्ष हो चुके हैं। फिर भी देश में सिखों को अनुसुचित जाति ( मजहबी) का आरक्षण की सुविधा अब तक लागू नहीं हो सका है।

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जबकि देश के सात राज्यों और एक केंद्र शासित राज्य में अनुसुचित जाति को आरक्षण की सुविधा प्राप्त है। लेकिन झारखंड में सिखों के अनुसुचित जाति के लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। भारत का संविधान और संसद द्वारा बनाया गया कानून पुरे भारत वर्ष में हिन्दू, सिख, एवं बौद्ध धर्म के लोगों को अनुसुचित जाति का आरक्षण देने का प्रावधान है।
उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्पति के आदेश को संविधान अनुसुचित जाति आदेश 1950 कहा जाता है। इस आदेश के पैराग्राफ नंबर 3 में कहा गया है कि हिन्दू सिख या बौद्ध धर्म से भिन्न धर्म को मानता है उसे अनुसुचित जाति का सदस्य नहीं माना जायेगा और यह राज्य या किसी राज्य जिला या अन्य क्षेत्रीय प्रभाग के संदर्भ के रूप मे माना जायेगा।

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अल्पसंख्यक सिख सेवा सदन के अध्यक्ष श्री चंदन सिंह ने पूर्वी सिंहभूम के विधायक सरयू राय पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में सिख समुदाय के अनुसुचित जाति (मजहबी) की जनसंख्या सबसे ज्यादा है। और इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व विधायक श्री सरयू राय जी करते हैं। हमारी संस्था ने विधायक जी को लिखीत अनुरोध किया था कि वो झारखंड विधानसभा मे सिख समुदाय के अनुसुचित जाति को सरकार द्वारा जाति प्रमाण पत्र नहीं निर्गत कराने के संबंध मे प्रश्न करने को कहा था। पर उन्होंने इस विषय पर कोई रुचि नहीं दिखाई।

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चंदन सिंह ने कहा कि यदि पुरे भारत में हिन्दू धर्म के अनुसुचित जाति के लोग राष्ट्र स्तर पर सुचिबद्ध हो सकते हैं। तो सिख धर्म के अनुसुचित जाति के लोग सुचिबद्ध क्यों नहीं हो सकते। इससे यह प्रतीत होता है कि सरकार सिख समुदाय के अनुसुचित जाति के लिए गंभीर नहीं है। इस मामले पर सरकार अपनी मंशा साफ करे।

इस मौके पर अध्यक्ष चंदन सिंह के अलावा सचिव मंजीत सिंह मंजू, हवलदार गुरमीत सिंह, अमरीक सिंह अटवाल, दिलबाग सिंह, मास्टर सविंदर सिंह, दर्शन सिंह काला, पुरषोत्तम सिंह, सुखदेव सिंह सुक्खा,अमरीक सिंह, दिदार सिंह, रोहित दीप सिंह, कुलवंत सिंह, परमजीत सिंह, दिलदार सिंह उपस्थित थे।

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