jamshedpur-इंटरनेट सेवा बंद होने से मंदिरों और गुरुद्वारों में लगी भीड़। कईयों ने की घर की डस्टिंग,know more about it.
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Daily Dose News
वेलिंया गल्लां
झारखंड सरकार ने जेएसएससी की परीक्षा के मद्देनजर दो दिन कुछ घंटों के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी है।लेकिन आज के डिजिटल जमाने में इंटरनेट लोगों की जरूरत बन गयी है। लोग सोशलमीडिया के आदी हो गए हैं। उन्हें फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और व्हाट्सएप जैसे सोशलमीडिया प्लेटफार्म पर चैटिंग की आदत पड़ गयी है। ऐसे में नेट की सेवा बंद होने से लोग बेचैन से हो गए हैं।
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ऐसे में डेली डोज़ न्यूज़ चैनल द्वारा एक सर्वे किया गया, लोगों से पूछा गया कि इंटरनेट सेवा बंद होने पर आपके जीवन में क्या बदलाव आया।कुछ लोगों ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दीं। जोकि काफी दिलचस्प और और हास्यास्पद भी है।
एक सज्जन ने कहा कि मैं 22 व्हाट्सएप ग्रुप में सदस्य हूँ। और सुबह से ही मैसेज भेजने और पढ़ने मे सक्रिय रूप योगदान करता हूँ। जिसमें मेरा लगभग 2 घंटा समय व्यतीत हो जाता है। लेकिन आज इंटरनेट सेवा बंद होने से मैं वेला था। और पत्नी ने इसका फ़ायदा उठाकर हमसे सारे घर की डस्टिंग करवा ली।
वहीं एक सरदार जी ने कहा सुबह से नेट बंद होने के कारण मैं घर पर वेला बैठा था पत्नी ने कहा आपको गुरुद्वारा गये एक महीने से ज्यादा हो गया आज आप खाली बैठे हैं गुरुद्वारा हो आओ।
वहीं एक महिला ने बताया कि आज हमने फोन पर अपने सभी रिश्तेदारों से खूब बातें कीं जिन रिश्तेदारों से महिनों बात नहीं होती थी इंटरनेट बंद होने से मैं घर में बोर हो रही थी। उनसे जी भरकर बातें हुई और परिवार का हालचाल पूछा।
संदेश ⬇️
इस सर्वे से समाज में एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। क्या इंटरनेट हमारे जीवन में इतना महत्व रखता है कि सोशलमीडिया हमें धर्म और सगे संबंधियों से दूर कर रहा है। तो क्या जब इंटरनेट सेवा नहीं थी तब हम रिश्तेदारों और भाई बहनों दोस्तों के करीब थे। ये एक बड़ा सवाल है।
आज लोग अपने बच्चों की शादी का निमन्त्रण कार्ड व्हाट्सएप पर भेज दिया करते हैं। लेकिन पहले लोग शादियों में सगे संबंधियों मित्रों आदि के घर स्वयं जाते थे और इसके बहाने मिलना जुलना भी हो जाता था।
ये सब बातें बहुत छोटी हैं लेकिन संदेश बड़ा है। लेकिन यदि इसका दूसरा पहलू देखा जाए तो हमारे आज के दिनचर्या मे इंटरनेट का एक महत्वपूर्ण भूमिका है। किन्तु इसका उपयोग उतना ही करें जितनी जरुरी है। बेवजह चौबीसों घंटे मोबाइल फोन से चिपके रहना ठीक नहीं है।थोड़ा समय अपनों को भी दें