jamshedpur-जमशेदपुर पश्चिम इलाके को शिक्षा का हब बनाने के उद्देश्य से अभिभावक संघ के अध्यक्ष चुनाव मैदान में। know more about it.
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Daily Dose News
जमशेदपुर पश्चिम को चाहिए शिक्षा की अलख जगाने वाला नेता, अभिभावक संघ के अध्यक्ष मैदान में
जमशेदपुर: जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा सीट पर अब तक कोई ऐसा विधायक नहीं रहा है। जिसे हम बुद्धिजीवी कह सकें। एक ऐसा विधायक जो हमारे भविष्य के बारे में सोचे। हमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल आदि सुविधाओं से लैस करे। अब तक हमारे जो भी विधायक रहे हैं वह सिर्फ अपना घर भरने की कोशिश में रहे हैं। योजनाओं से कमीशन लेना, भूमाफियाओं से सांठ- गांठ रखना। दलालों को आगे बढ़ाना। यही इनका काम रहा है।
ये समाचार आप जमशेदपुर ट्रक ट्रेलर एशोसिएशन, सिख विजडम, मोशन ऐजूकेशन जमशेदपुर,दुपट्टा सागर बिस्टुपुर, के सहायता से प्राप्त कर रहे हैं।
जीतने के बाद कोई जनता को नहीं पूछता था। लेकिन इस बार जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से एक ऐसा उम्मीदवार है, जो बुद्धिजीवी है, जो क्षेत्र को विकास के पथ पर आगे ले जा सकता है। इस उम्मीदवार का नाम है डॉक्टर उमेश कुमार। डॉक्टर उमेश कुमार के नाम से हर आदमी परिचित है। डॉ उमेश कुमार अभिभावक संघ के अध्यक्ष हैं। किसी भी व्यक्ति को अगर किसी भी स्कूल में शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी समस्या का सामना है, तो डॉक्टर उमेश कुमार हमेशा तैयार रहते हैं। डॉक्टर उमेश कुमार ने ऐसी सैकड़ों मिसाल पेश की हैं, जिसमें उन्होंने अभिभावकों को उनकी परेशानी से निकाला है। किसी छात्र पर अत्याचार हुआ या उसे स्कूल से निकाल दिया गया। डॉक्टर उमेश कुमार ने लंबी लड़ाई लड़ी और अभिभावक को इंसाफ दिलाया। डॉ उमेश कुमार बताते हैं कि उनका विजन है जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा को आगे बढ़ाना।
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वह जमशेदपुर पश्चिम इलाके को शिक्षा का हब बनाना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि जमशेदपुर पश्चिमी इलाके में ज्यादा से ज्यादा कॉलेज खुले ताकि बच्चों को पढ़ाई के लिए बाहर का रुख नहीं करना पड़े। अभिभावक संघ के अध्यक्ष जमशेदपुर पश्चिम के उम्मीदवार डॉक्टर उमेश कुमार का कहना है कि जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में जितने भी स्कूल कॉलेज हैं। वह कई साल पहले की आबादी के हिसाब से बनाए गए हैं। अब इस इलाके की आबादी कई गुना बढ़ चुकी है। लेकिन उस हिसाब से स्कूल कॉलेज नहीं बने। इसलिए आबादी के हिसाब से इस क्षेत्र में स्कूल कॉलेज में बढ़ोतरी करनी होगी। साथ ही स्कूल कॉलेज में मुफ्त शिक्षा मिले। ताकि अधिक से अधिक बच्चे शिक्षा हासिल कर सकें। उन्होंने बताया कि अभी जो स्थिति है। उसमें सारे बच्चे शिक्षा हासिल ही नहीं कर पा रहे हैं। क्योंकि पर्याप्त स्कूल है ही नहीं।