October 8, 2024

jamshedpur- सोनारी गुरुद्वारा साहिब में रक्तदान शिविर एवं दस्तार मुकाबला का आयोजन।know more about it.

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जमशेदपुर के सोनारी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सहयोग से स्थानीय सिख नौजवान सभा द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।जिसमें दोपहर 12 बजे तक लगभग 50 यूनिट ब्लड का संग्रह हो चुका था।आयोजन कर्त्ताओं के अनुसार शाम 4 बजे तक 100 यूनिट का लक्ष्य बताया गया है।

ये समाचार आप गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी साक्ची, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सीतारामडेरा,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सोनारी, दुपट्टा सागर बिस्टुपुर, नागी मोबाइल कम्यूनिकेशन्स के सहायता से प्राप्त कर रहे हैं।

आयोजन कर्त्ता शेखर और Amandeep Singhने बताया कि इस रक्तदान शिविर में महिलाओं द्वारा बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया जा रहा है।जोकि सराहनीय है।एक सवाल के जवाब में Amandeep Singh ने कहा कि इस आयोजन में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सोनारी के प्रधान सरदार तारासिंह ने भरपूर सहयोग किया है।जोकि प्रसंसनीय है।

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इधर गुरुद्वारा साहिब सिखों की पहचान को दर्शाता दस्तार एवं दुमाला सजाने की प्रतियोगिता भी सन्नी ग्रुप द्वारा करवाया गया।जिसमें लगभग 70 बच्चों एवं सिख नौजवानों ने हिस्सा लिया।सन्नी ग्रुप के हेड सन्नी सिंह ने कहा कि वह भटके हुए सिख जो सिर पर टोपी रखते हैं या पटका बांधते है उन नौजवानों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए ये आयोजन करते हैं।

ਇਹ ਖਬਰ ਤੁਸੀਂ ਗੁਰੂਦਵਾਰਾ ਪ੍ਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਸੀਤਾਰਾਮਡੇਰਾ,ਗੁਰੂਦਵਾਰਾ ਪ੍ਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਸਾਕਚੀ, ਗੁਰੂਦਵਾਰਾ ਪ੍ਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਸੋਨਾਰੀ, ਦੁਪਟਾ ਸਾਗਰ ਬਿਸਟੁਪੁਰ ਨਾਗੀ ਮੋਬਾਈਲ ਕਮਯੁਨੀਕੇਸੰਸ ਦੇ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਪਾ੍ਪਤ ਕਰ ਰਹੇ ਹੋ ਜੀ।

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जिसमें गुरुद्वारा कमेटियों का सहयोग मिलता है।आज के इस कार्यक्रम में सोनारी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का भरपूर सहयोग मिला।गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार तारासिंह ने जहाँ प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वालों को प्रोत्साहित किया वही प्रतियोगियों को मोमेंटो आदि देकर सम्मानित भी किया।जोकि प्रसंसनीय है।गुरुद्वारा साहिब सोनारी में दस्तार बांधने की प्रतियोगिता मे निम्नलिखित प्रतिभागियों को पुरस्कारों से नवाजा गया।……

dastar competition

1st-jasraj singh,2nd-harsh preet singh 3rd-veer singh

and

dumala competition

1st-param veer singh,2nd-manjot singh,3rd-jasnoor singh

कार्यक्रम के अंत में गुरुद्वारा साहिब के हेड ग्रंथी भाई रामप्रीत सिंह ने अरदास की और उसके उपरांत गुरु का अटूट लंगर वरताया गया।

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