jamshedpur-प्रकाशपर्व पर सोनारी से कल निकलेगा भव्य नगर कीर्तन, know more about it.
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प्रकाशपर्व पर सोनारी से कल निकलेगा भव्य नगर कीर्तन, गुरद्वारे सजे, सीजीपीसी ने कहा सभी शरीक हों इस पावन बेला में
17 नवंबर को साकची में सेंट्रल दीवान, 18 नवंबर को अमृत संचार
सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाशपर्व पर शहर भक्तिरस से सराबोर हो चला है। गुरु नानक देव जी के आगमन दिवस पर सोनारी गुरुद्वारा साहिब से शुक्रवार को भव्य नगर कीर्तन निकलेगा जिसको लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं।
कोल्हान में सिखों की सिरमौर संस्था सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी ने कोल्हान के सिखों को प्रकाशोत्सव को बधाई देते हुए विनती की है कि नगर कीर्तन में सभी लोग शामिल होकर गुरु जी का आशीर्वाद प्राप्त करें। सीजीपीसी पदाधिकारियों ने अनुरोधपूर्वक कहा है कि 15 नवंबर को सोनारी से निकलने वाले नगर कीर्तन के दौरान संगत की सुरक्षा और पर्यावरण को मुख्य रखते हुए आतिशबाजी करने से परहेज करें।
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गुरुवार को गुरुपर्व की पूर्वसंध्या पर जानकारी देते हुए सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह बताया कि सीजीपीसी के साथ-साथ सोनारी गुरुद्वारा प्रबंधन भी तैयारियों के अंतिम चरण में जुटा हुआ है। भगवान सिंह ने श्रद्धालुओं विशेषकर युवाओं के अपील की है कि नगर कीर्तन के दौरान किसी भी प्रकार की आतिशबाजी न करें, क्योंकि यह आम संगत की सुरक्षा का सवाल है। उन्होंने कहा, 18 नवंबर को साकची गुरुद्वारा साहिब में अकाली दल द्वारा दोपहर एक बजे से अमृत संचार कराया जायेगा जबकि 17 नवंबर (रविवार) को साकची गुरुद्वारा साहिब में सेंट्रल दीवान आयोजित होगा जिसमे उत्कृष्ट सेवा करने वाले जत्थों, स्कूलों और धार्मिक संस्थाओं को सम्मानित किये जायेगा।
कमिटी के चेयरमैन सरदार शैलेंदर सिंह, और महासचिव अमरजीत सिंह ने संयुक्त रूप से कहा कि गुरुपर्व सबके लिए आस्था और भावना का विषय है इसलिए सीजीपीसी की पूरी टीम तरह से कटिबद्ध है और इस बात का ख्याल रखेगी कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार का व्यवधान का सामना ना करना पड़े।
महासचिव अमरजीत सिंह का कहना है कि अकाल तख्त के फरमान अनुसार सभी गुरुद्वारा कमिटियां यह सुनिश्चित करें कि नगर कीर्तन में केवल बसंती या सुरमई रंग की पोशाक वाले निशान साहिब का ही उपयोग हो।
नगर कीर्तन की सुबह ठीक साढ़े ग्यारह बजे सोनारी गुरुद्वारा साहिब से रवानगी होगी तथा पूर्व निर्धारित मार्ग से होता हुआ शाम को ठीक पांच बजे साकची गुरुद्वारा साहिब में संपन्न होगा।
सोनारी गुरुद्वारा से गुरु ग्रन्थ साहिब जी महाराज के पालकी साहिब की रवानगी भव्य रूप से होगी। 15 नवंबर शुक्रवार को सोनारी गुरुद्वारा से नगरकीर्तन के आरम्भता की अरदास के बाद मौजूद गुरुप्यारी साध-संगत गुरु महाराज जी की शान में पुष्प वर्षा कर पालकी साहिब की रवानगी देगी।
निर्धारित रूट अनुसार सुबह साढ़े ग्यारह बजे सोनारी गुरुद्वारा साहिब से भव्य शोभायात्रा निकलेगी जो सोनारी बाजार, एरोड्राम, सर्किट हाउस गोलचक्कर, जुस्को गोलचक्कर, नॉर्दन टाउन, कीनन स्टेडियम, स्ट्रैटमाइल रोड, साकची गोलचक्कर व कालीमाटी रोड़ होते हुए साकची गुरुद्वारा में पहुंच कर शाम पांच बजे संपन्न होगा।
सभी गुरुद्वारों में शब्द-कीर्तन के विशेष दिवान का आयोजन होगा साथ ही इस शुभ अवसर पर शहर के सभी गुरुद्वारों में अटूट लंगर की व्यवस्था होगी। नगर कीर्तन में पालकी साहिब के स्वागत के लिए पुरे मार्ग में लगभग 42 सजावटी तोरण द्वार लगाए जा रहे हैं।
पुरे नगरकीर्तन के ट्रैफिक की जिम्मेदारी सेंट्रल सिंह नौजवान सभा के कंधों पर होगी। विभिन्न जत्थे क्रमानुसार 1 घुड़सवार, 2 गतका पार्टी (मानगो, साकची, टूइलाडुंगरी), 3 सिख विजडम, 4 निहंग जत्थेबंदी, 5 विभिन्न स्कूल, 6 सीजीपीसी, 7 जाग्रति मंच, 8 निशान साहिब और अकाली दल के पांच प्यारे साहिबान, 9 पालकी साहिब, 10 गुरुप्यारी साध संगत, 11 स्त्री सत्संग सभा, 12 विभिन्न कीर्तनी जत्थे 13 सफाई टीम नगर कीर्तन की शोभा बढ़ाएंगे।
वहीँ नगर कीर्तन समाप्ति पर साकची गुरुद्वारा साहिब में पालकी साहिब का स्वागत श्रद्धा और धूमधाम से किया जायेगा। साकची में नगर कीर्तन पहुँचने पर पुष्पवर्षा की जाएगी।
सीजीपीसी पदाधिकारियों ने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि नगरकीर्तन के दौरान कोई भी सज्जन नशा करके आने की जुर्रत न करे, पकडे जाने पर सख्त कार्यवाई की जाएगी।
महासचिव अमरजीत सिंह और गुरचरण सिंह ने दूरभाष पर बताया कि पालकी साहब के देखरेख और निगरानी की जिम्मेदारी तरनप्रीत सिंह बन्नी को दी गयी है जबकि नगरकीर्तन के ट्रैफिक नियंत्रण की सेवा का जिम्मा प्रधान अमरीक सिंह के नेतृत्व में सेंट्रल सिख नौजवान सभा निभाएगी। प्रधान भगवान सिंह और सरदार शैलेंदर सिंह ने विशेषतौर पर बीबियों से निवेदन किया है कि प्रकाशोत्सव पर आभूषण न धारण करें। सेंट्रल सिख स्त्री सत्संग सभा की अगुवाई प्रधान रविंदर कौर करेंगी।