jamshedpur-शहीद बाबा दीप सिंह जी गुरुद्वारा के व्हाट्सएप ग्रुप मे छिड़ी नयी बहस।know more about it.
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DAILY DOSE NEWS
15/03/2024/FRI
स्पष्टीकरण:- इस पोस्ट का मकसद सिर्फ लोगों का विचार जानना है। किसी को ठेस पहुँचाना नहीं। डेली डोज़ न्यूज़ चैनल को यदि सिख जगत मे कुछ नया देखने को मिलता है तो उस संबंध में संगत की राय जानने की कोशिश की जाती है। जिससे संगत मे जागरुकता आए। किसी का दिल दुखी करना उद्देश्य नहीं है। हम चाहते हैं कि अगर भूल वश किसी से गुरु मर्यादा में कोई गलती हो भी जाती है तो उन्हें सकारात्मक ऊर्जा से बड़ा दिल दिखाते हुए स्वीकार करना चाहिए।
ये समाचार आप गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी साक्ची, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सोनारी, दुपट्टा सागर बिस्टुपुर, नागी मोबाइल कम्यूनिकेशन्स के सहायता से प्राप्त कर रहे हैं।
नानकशाही सम्वत 556 के अनुसार सिखों ने अपना नया साल 14 मार्च को जमशेदपुर के सभी गुरुद्वारों में बहुत ही श्रद्धा और उत्साह से मनाया। गुरुद्वारों मे सुबह से ही श्रद्धालुओं का पहुंचने का क्रम चल रहा था।
गुरुद्वारों मे गुरबाणी किर्तन का कार्यक्रम हुआ और संगत में गुरु का अटूट लंगर वरताया गया।
इस दौरान श्री गुरु ग्रंथ साहिब पर फुलों की वर्षा की गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस प्रकार के पुष्पवर्षा से सीतारामडेरा स्थित गुरुद्वारा शहीद बाबा दीप सिंह के संगत में काफी रोष और नाराजगी देखने को मिली। और शहीद बाबा दीप सिंह के व्हाट्सएप ग्रुप में इसे लेकर नयी बहस शुरू हो गयी है।
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दरअसल, गुरुद्वारा साहिब मे नववर्ष के उपलक्ष्य पर श्री गुरुग्रंथ साहिब पर पुष्पवर्षा करने का कार्यक्रम रखा गया था। किन्तु पुष्पवर्षा करने से पहले ही जागद जोत, हाज़िर नाजिर, दसों गुरुओं की जोत श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी पर चिट्टी चादर डाल दी गई। जिस पर वहां मौजूद कुछ बुद्धिजीवी संगत में रोष व्याप्त हो गया। उनका कहना था कि यदि फुलों की वर्षा श्री गुरुग्रंथ साहिब पर करना था तो श्री गुरु ग्रंथ साहिब पर चिट्टा चादर क्यों डाला गया। यदि इसके पीछे रुमाला साहिब को फुलों से बचाने का मकसद था तो पुष्पवर्षा करने का क्या औचित्य है।
व्हाट्सएप ग्रुप मे छिड़ी इस बहस मे एक सदस्य का कहना है कि पुष्पवर्षा सफेद चादर पर करवाने से अच्छा था कि महाराज जी के चरणों मे पुष्प अर्पित करते। एक सदस्य ने यहाँ तक कहा कि गुरुद्वारा साहिब मे पूरी तरह से मनमानी चल रही है। गुरुद्वारा साहिब मे गुरमत को छोड़कर मनमत अपनाया जा रहा है। इसपर किसी ने टिप्पणी करते हुए चुटकी ली और कहा कि “अभी आगे आगे देखो होता है क्या”!
ਇਹ ਖਬਰ ਤੁਸੀਂ ਗੁਰੂਦਵਾਰਾ ਪ੍ਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਸਾਕਚੀ, ਗੁਰੂਦਵਾਰਾ ਪ੍ਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਸੋਨਾਰੀ, ਦੁਪਟਾ ਸਾਗਰ ਬਿਸਟੁਪੁਰ ਨਾਗੀ ਮੋਬਾਈਲ ਕਮਯੁਨੀਕੇਸੰਸ ਦੇ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਪਾ੍ਪਤ ਕਰ ਰਹੇ ਹੋ ਜੀ।
किसी ने पुष्पवर्षा होने का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि सफेद चादर पर ही फुलों की वर्षा करना था तो कहीं और भी कर सकते थे। तो फिर ये दिखावा क्यों किया गया।
खुद एक सिख होने के नाते डेली डोज़ न्यूज़ चैनल के एडिटर स. गुरदीप सिंह ने इस संबंध में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव सरदार अविनाश सिंह खालसा से फोन पर संपर्क किया और चिंता जताई। इसपर महासचिव ने इस घटना की जानकारी नहीं होने की बात कही। पर उन्होंने आश्वासन दिया कि मैं अपने स्तर पर इस घटना की जांच करुंगा।
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