jamshedpur-गुरुद्धारों में लंगर बनाने के लिए सिख कारीगर का होना जरूरी।know more about it.

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बाबा मोतीराम मेहरा सेवादल के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह राजा ने कहा आजकल गुरु घर में लंगर की तैयारी होती है हमें बाहर से हलवाई का इंतजाम करना पड़ता है। और बाहर की लेबर लगानी पड़ती है। जिससे लंगर की मर्यादा भंग होती है।

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जो हलवाई और लेबर बाहर के होते हैं।अक्सर देखा जाता है वो जर्दा और गुटखा आदि का सेवन करते हैं।और उन्ही हाथों से लंगर बनाते हैं। जोकि उचित नहीं है। इस संबंध में गुरप्रीत सिंह राजा ने आगे कहा कि लंगर की सेवा के लिए सिख संगत खुद सेवा करे और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पारिवारिक सदस्य मिलजुल कर लंगर बनाने की सेवा करे।

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उन्होंने कहा कि जिस प्रकार गुरु घर के चुनाव के समय पद के लिए समस्त भाई आगे बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने आ जाते हैं। उसी प्रकार गुरु पर्व के अवसर पर लंगर की सेवा करने के लिए कमेटियों के मेंबरों को परिवार समेत लंगर की सेवा में हिस्सा लेना चाहिए। अभी सिख समाज के पास लंगर बनाने के लिए गुर सिख लड़के नहीं है तो अभी से तैयार करें बाहर से कारीगर मंगाने की नौबत ना पड़े जो हम कारीगर को पेमेंट करते हैं वह पेमेंट गुरु के सिखों को सेवा के माध्यम से माया दें।

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हमें लगता है सिखों के परिवारों में बहुत संख्या में ऐसे जरुरतमंद लोग होंगे । उन लोगों से संपर्क करें।और सिख लांगरी तैयार करें। जिससे उनकी आर्थिक मदद भी होगी और लंगर भी मर्यादा में बनेगा

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