Arsh To Farsh-बर्बादी की कगार पर पहुंचे उद्योगपति,know more about it.
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बर्बादी की कगार पर पहुंचे उद्योगपति, कभी थी अथाह-दौलत शोहरत, अब पैसा और नाम दोनों डूबा
आपने फर्श से अर्श तक के कई लोगों के सफर देखे होंगे. किसी के घर में कभी खाने के लिए 2 वक्त का भोजन नहीं था लेकिन समय के साथ उन्होंने खूब पैसा और नाम कमाया. आज हम बात इसके विपरीत दिशा में चलने वाले लोगों की करने वाले हैं.
New Delhi: बिजनेस में सफलता की कहानियां आपको खूब मिलेंगी. कोई एक कमरे से उठकर अरबों का मालिक बना तो किसी ने खेती को ही अपना बिजनेस बनाकर नाम-पैसा कमा लिया. लेकिन आज बात उन लोगों की जो कभी अरबों में खेलते थे लेकिन अपने कामों की वजह से आज बर्बादी की कगार पर पहुंच गए.
सिंह बंधु-
एक समय था जब ये दोनों भाई विदेश में भारतीय सफलता की पहचान के रूप में जाने जाते थे. रैनबेक्सी के प्रमोटर मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह 2015 में भारत के सबसे धनवान लोगों की सूची में 35वें स्थान पर थे. तब इनकी संयुक्त नेटवर्थ 2.5 अरब डॉलर यानी 20000 करोड़ रुपये से अधिक थी.
इसके अगले ही साल इन लोगों पर 13,000 करोड़ रुपये का कर्जा हो गया था. दरअसल, इन्होंने 2008 में रैनबेक्सी में अपनी हिस्सेदारी जापानी कंपनी को बेची थी और जो पैसा मिला इसका इस्तेमाल गलत तरीके से किया. इससे इनका कारोबार तो डूबा ही इनका नाम भी बदनाम हो गया.
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