M.P.-किसानों ने मुफ्त में बांटा प्याज, मंडी में उचित भाव नहीं मिलने से थे परेशान। Farmers distributed free onion know more about

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M.P.किसानों ने मुफ्त में बांटा प्याज, मंडी में उचित भाव नहीं मिलने से थे परेशान।

कभी खून के आंसू रुलाने वाले प्याज अगर लोगों को फ्री में मिल जाए तो क्या कहना।
मध्यप्रदेश के खंडवा के मंडी में किसान का प्याज 1 से 2 रुपये किलो के भाव से खरीदे जा रहे थे। इस बात से परेशान किसान ने प्याज मुफ्त में बांट दिया, फ्री में मिल रहे प्याज लेने के लिए लोगों की भीड़ लग गयी।

क्या है मामला।

मध्यप्रदेश के खंडवा में किसानों ने शहर की सड़कों पर प्याज मुफ्त में बांटना शुरू कर दिया, और देखते ही देखते फ्री में प्याज लेने के लिए भीड़ भी इकट्ठी हो गई।
दर असल प्याज के गिरते दामों से किसान परेशान हैं। कमाई तो दूर की बात है लागत की आधी रकम भी नहीं निकल रही है। किसानों को जब मंडी में प्याज के उचित दाम मिलते हुए नजर नहीं आये तो उन्होने प्याज को मंडी में बेचने के बजाय मुफ्त में बांटना उचित समझा।
खंडवा नगर निगम के बिलकुल सामने एक किसान ने प्याज का ढेर लगा दिया और उसे मुफ्त में बांटने की आवाज लगा दी। यहाँ लोग फ्री में प्याज लेने के लिए टूट पड़े।
बताते चलें कि खंडवा के भेरु खेड़ा गाँव का एक किसान घनश्याम प्याज की उपज लेकर खंडवा मंडी पहुंचा था। यहाँ जब उसने प्याज की कीमत सुनी तो चौंक गया, किसान की प्याज 1 से 3 रुपये किलो खरीदी जा रही थी। जबकि किसान का कहना है कि प्याज पर 6 रुपये प्रति किलो की लागत आती है।

परेशान किसान ने फ्री में बांटा प्याज।

प्याज का दाम सुनकर किसान पहले चिंतित हो गया फिर गुस्से में आकर उसने इस प्याज को सड़क पर फेकने की सोची, किन्तु, फिर वो इस प्याज को लेकर खंडवा नगर निगम चौक पर पहुंचा और यहाँ किसानों के साथ प्याज फ्री में बांट दिया।
क्या कहना है किसान का।
किसान ने कहा कि प्याज की फसल में प्रति एकड़ 70 से 80 हजार रुपये तक का खर्च आता है। लेकिन अभी जो दाम मिल रहे हैं उससे तो आधी लागत भी नहीं निकल पा रही है। अब किसान ने सरकार से राहत राशि दिए जाने की मांग की है।

50 परसेंट तक का हुआ है नुकसान।

भाकिसं के जिला मंत्री शैलैन्द्र जलोदिया ने कहा कि असमय बारिश से पुरे जिले के सैकड़ों किसानों को भारी नुकसान हुआ है, किसान गर्मी के प्याज का भंडारण करता है परन्तु इस वर्ष ऐसी स्थिति नहीं है। जिला प्रशासन सर्वे में भी प्याज की नुकसानी 10 परसेंट तक बता रही है। जबकि 50 फीसदी नुकसान हुआ है, सरकार यदि सही सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा नहीं देगी तो भाकिसं किसानों के साथ आंदोलन करने को बाध्य होगा।

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