jamshedpur- सीजीपीसी के पोस्ट अदला- बदली प्रकरण में पदरी और मंजीत गिल के बयान से सहमत नहीं हूँ-भोमाknow more about why disagree mr,bhoma

jamshedpur

सीजीपीसी के पोस्ट अदला- बदली प्रकरण में पदरी और मंजीत गिल के बयान से सहमत नहीं हूँ- भोमा

जमशेदपुर:- पिछले दिनों सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में पदाधिकारियों के पदों को लेकर कुछ फेरबदल किया गया। कुछ नये लोगों को भी कमेटी में जगह दी गयी। जैसे कि सुरजीत सिंह खुशीपुरी को सीजीपीसी के जनरल सेकेट्री के पद से मुक्त करते हुए सलाहकार कमेटी में जगह दी गयी। उनकी जगह सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष स. गुरचरण सिंह बिल्ला को जनरल सेकेट्री का पोस्ट दिया गया। और साथ ही नये में सोनारी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान स. तारा सिंह को सीजीपीसी में एक अहम पद दिया गया।
इन सब प्रक्रियाओं के बीच कुछ लोगों ने अपना विरोध भी जताया। लेकिन आज सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व महासचिव स. जसवंत सिंह भोमा ने उन विरोध करने वालों के विचारों पर असहमति जताते हुए कहा कि कमेटी में किसी प्रकार का जाति को लेकर कोई आरक्षण नहीं है। सिख धर्म में जात-पात का कोई स्थान नहीं है। यहाँ “मानस की जात सभै एको पहचानबो” वाला सिद्धांत है। लेकिन हमको इस बात का दुख जरूर है कि लोगों को प्रमोशन दिया जाता है। परन्तु सुरजीत सिंह खुशी पुरी का डिमोशन किया गया। और खुशीपुरी ने समयाभाव का हवाला देकर इसको सहर्ष स्वीकार कर लिया। जसवंत सिंह भोमा ने आगे कहा कि मेरा सीजीपीसी में महासचिव पद का 15 साल का तजुर्बा है। इस पद पर 15 साल रहकर मैंने बखूबी सेवा की है। और परिवार को भी समय दिया है।
जसवंत सिंह भोमा ने गुरचरण सिंह बिल्ला पर निशाना साधते हुए कहा कि बिल्ला झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष हैं। जो कि पुरे झारखंड राज्य में काम करता है। लेकिन सीजीपीसी सिर्फ जमशेदपुर तक ही सीमित है।उनको भी राज्यस्तरीय पोस्ट से नीचे आकर जमशेदपुर के गुरुद्वारा कमेटियों तक ही कार्य करने का मौका मिलेगा। मेरी राय में गुरचरण सिंह बिल्ला को सिख प्रतिनिधि बोर्ड संस्था को सीजीपीसी में विलय करके एक ही संस्थान में रहकर पंथ की सेवा करनी चाहिए। और सिख समुदाय को एकजुट करने के लिए प्रयत्न करना चाहिए।

Daily Dose 24×7

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *