Jamshedpur-सिख पंथ से है विशेष लगाव- सतीश मुथरेजा Know about this personality
jamshedpur-Personality(सख्सियत)
JAMSHEDPUR-सन् 1947 के भारत – पाकिस्तान बंटवारे के बाद पाकिस्तान के धलवाल इलाके से जमशेदपुर आये श्री मंगलसेन जी के सुपुत्र श्री सतीश कुमार जी मुथरेजा तीन बहनों में अकेले भाई हैं। श्री सतीश जी का जन्म 23 मार्च 1962 में जमशेदपुर में हुआ। सिख धर्म में विश्वास और इनके समर्पित भावना से प्रभावित होकर डेली डोज़ 24×7 की टीम विशेष रूप से इनके आदित्यपुर स्थित आवास पर पहुचीं और इनसे मुलाकात करके ये जानने की कोशिश की कि ये खुद एक हिन्दू परिवार से होते हुए भी सिख धर्म में विश्वास और आस्था की क्या वजह है। जो वजह इन्होंने हमको बतायी उसे जानकर आपको भी सिख धर्म और गुरुवाणी में अटूट विश्वास हो जायेगा और आपको इससे प्रेरणा भी मिलेगी।
श्री सतीश कुमार जी ने बताया कि वो पिछले 15 साल से नियमीत रुप से जमशेदपुर के अलग- अलग गुरुद्वारे में जाकर गुरु चरणों में माथा टेककर आशिर्वाद प्राप्त कर रहे हैं और निष्काम भाव से सेवा कर रहे हैं इसके पीछे एक आश्चर्यजनक बात उन्होंने कही।
श्री सतीश जी ने बताया कि कुछ साल पहले उनको एक सपना आया जिसमें एक महापुरुष ने दर्शन दिया और 11 गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करने को कहा। तब से ही हमारे जीवन में बदलाव आया और हमें लगा कि गुरु घर और गुरबाणी में एक अद्वितीय शक्ति है जो कि हमें प्रेरित करती है कि हमें बाणीं से जुड़ना चाहिए। और एक बात उन्होंने बताया कि आजकल कुछ समय से हर रोज तड़के 3-30 से 4 बजे के बीच उनकी नींद अपने आप खुल जाती है और वो नाम और सिमरन में जुड़ जाते हैं इसे भी वो गुरु महाराज जी की महिमा ही बताते हैं।
हर रविवार को गुरुद्वारों में अपने खर्च से किर्तनी जत्थे ले जाकर कराते हैं गुरबाणी किर्तन।
सतीश जी को हरेक रविवार को जमशेदपुर के किसी ना किसी गुरुद्वारा साहिब में देखा जा सकता है जहाँ वो अपने निजी कार्यों में से समय निकाल कर किर्तन करने वाले जत्थे अपने साथ कार में बैठा कर ले जाते हैं और समाप्ति पर उनके निवास पर छोड़ भी देते हैं। किसी किसी हफ्ते में दो या तीन गुरुद्वारा साहिब में भी इनकी सेवा चलती है। इतनी सेवा करने के बावजूद भी इनके चेहरे पर सिकन तक नहीं आती पुछने पर बोलते हैं कि सब वाहेगुरु जी की कृपा से सेवा मिल रही है और मैं सेवा कर रहा हूँ।
