September 9, 2024

jamshedpur-भाई तारु जी की शहीदी और मिरी पीरी दिवस को समर्पित की गयी सावन की सन्ग्राद,know more about it.

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“सावन सरसी कामणी, चरन कमल सिउ पिआर, मन तन रता सच रंग इको नाम अधार”

साकची गुरुद्वारा में सावन माह की संग्राद पर आयोजित कीर्तन दरबार सिख कौम के महान शहीद भाई तारु जी की शहीदी को तथा मीरी पीरी दिवस को समर्पित किया गया। मंगलवार को साकची गुरुद्वारा साहिब में संगत ने भाई तारु जी की शहीदीगाथा से रु-ब-रु होकर उनके बलिदान को याद किया तथा छठे गुरु साहिबान श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने आज ही के दिन दो कृपाण धारण कर सिख कौम को मिरी पिरी का सन्देश देकर एक नयी प्रथा चलायी थी।

ਇਹ ਖਬਰ ਤੁਸੀਂ ਗੁਰੂਦਵਾਰਾ ਪ੍ਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਸੀਤਾਰਾਮਡੇਰਾ,ਗੁਰੂਦਵਾਰਾ ਪ੍ਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਸਾਕਚੀ, ਗੁਰੂਦਵਾਰਾ ਪ੍ਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਸੋਨਾਰੀ, ਦੁਪਟਾ ਸਾਗਰ ਬਿਸਟੁਪੁਰ ਦੇ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਪਾ੍ਪਤ ਕਰ ਰਹੇ ਹੋ ਜੀ।

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दोनों ही ऐतिहासिक दिवस को समर्पित संग्रांद के कीर्तन दरबार में “सावन सरसी कामणी, चरन कमल सिउ पिआर, मन तन रता सच रंग इको नाम अधार” शब्द गायन कर सावन माह का स्वागत किया गया। भाई साहिब भाई तारु सिंह जी की शहीदी को समर्पित कीर्तन दरबार में सबसे पहले सुखमणि साहिब कीर्तनी जत्था ने कीर्तन गायन प्रस्तुत किया तदुपरांत सिख स्त्री सत्संग सभा साकची की बीबीयों ने शब्द-कीर्तन किया.

ये समाचार आप गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी साक्ची, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सीतारामडेरा,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सोनारी, दुपट्टा सागर बिस्टुपुर, के सहायता से प्राप्त कर रहे हैं।

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हजूरी रागी जत्था गुरुद्वारा साहिब साकची भाई साहब भाई संदीप सिंह जवद्दी ने जब कीर्तन गायन किया तो सारी संगत मंत्रमुग्ध हो गयी। कथावाचक सह साकची गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथी भाई अमृतपाल सिंह ने संगत के साथ गुरमत विचार साझा किए, जिसमें उन्होंने सावन की संग्राद के विषय में बताया तथा भाई साहब भाई तारु सिंह जी की शहीदी पर प्रकाश डाला। ज्ञानी अमृतपाल सिंह ने बताया कि किस प्रकार महान शहीद भाई तारु जी की खोपड़ी उतार दी गई थी तथा कई यातनाएं दी गई थी पर उन्होंने सिखी सिदक नहीं हारा न छोड़ा। बाबा अमृतपाल सिंह ने बताया कि मीरी की और पीरी की जो तलवारें गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने धारण कीं थी, उनमें मीरी तलवार राजनीति गतिविधि व पीरी तलवार है वह धर्म की प्रतिक है। परन्तु गुरु साहिब ने कभी भी राजनीति को धर्म से ऊपर नहीं होने दिया और धर्म सदैव ऊपर ही रहा। बाबा बुड्ढा जी ने उन्हें यह तलवारे धारण करवाई थी।

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गुरु के अटूट में दाल, फुल्का, सब्जी के अलावा सावन की संग्राम को मुख्य रखते हुए खीर और मालपुआ का लंगर भी संगत के बीच में वितरित किया गया।
तख्त श्री हरिमंदिर जी, पटना साहिब के महासचिव सरदार इंदरजीत सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे। सरदार इंद्रजीत सिंह ने अपने संबोधन में साकची गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार निशान सिंह की अध्यक्षता में कर्मठ टीम द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए संगत से और सहयोग की अपील भी की।
संग्रांद को सफल बनाने में साकची गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के प्रधान सरदार निशान सिंह, महामंत्री परमजीत सिंह काले, जसवीर सिंह गांधी, सतनाम सिंह सिद्धू, सुरजीत सिंह छीते, सतपाल सिंह राजू, दलजीत सिंह, जगमिंदर सिंह, बलबीर सिंह धंजल, अमरपाल सिंह, नानक सिंह, मनोहर सिंह मीते, त्रिलोचन सिंह तोची, बलदेव सिंह बब्बू, मोनी सिंह रंधावा सहित सिख स्त्री सत्संग सभा की पिंकी कौर, मंजीत कौर, अमरीक कौर, सुखमनी साहिब कीर्तनी जत्था की अध्यक्षा राज़ कौर, बलविंदर कौर, रणजीत कौर, कमलजीत कौर, राजबीर कौर आदि शामिल रहीं। मंच का संचालन सरदार सुरजीत सिंह छीते ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन महासचिव सरदार परमजीत सिंह काले ने किया।

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