jamshedpur-ज्योति मथारू ने धार्मिक और सामाजिक कार्यों में हरसंभव सहयोग का दिया आश्वासन.

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साकची गुरुद्वारा में प्रधान निशान सिंह के साथ मुलाकात कर किया विचार विमर्श.
झारखंड सरकार में अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष ज्योति सिंह मथारू ने जमशेदपुर प्रवास के दौरान सिख समाज द्वारा संचालित धार्मिक एवं सामाजिक गतिविधियों को हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। रविवार देर शाम उन्होंने साकची गुरुद्वारा में प्रमुख सिख नेताओं से मुलाकात कर इन कार्यों की प्रगति और आवश्यकताओं पर विस्तृत चर्चा की।
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सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जमशेदपुर,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी साक्ची,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी नामदा बस्ती,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सरजामदा,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी मानगो,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सीतारामडेरा,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी टिनप्लेट,दुपट्टा सागर बिस्टुपुर,सिख विजडम के सौजन्य से प्राप्त कर रहे हैं।
साकची गुरुद्वारा साहिब परिसर में प्रधान सरदार निशान सिंह, महासचिव शमशेर सिंह सोनी, सुखविंदर सिंह निक्कू, जयमल सिंह, सुरजीत सिंह चीते, सतिंदर सिंह रोमी, श्याम सिंह, सतनाम सिंह घुम्मण और दलजीत सिंह जैसे प्रमुख प्रतिनिधियों की उपस्थिति में मथारू ने कहा कि सिख समाज राज्य के धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने का अभिन्न हिस्सा है और उनके प्रयासों को सरकारी स्तर पर हरसंभव समर्थन दिया जाएगा।

गुरुद्वारा प्रधान सरदार निशान सिंह ने इस अवसर पर ज्योति मथारू को शॉल भेंट कर उनका अभिनन्दन किया। बैठक के दौरान दोनों सिख प्रतिनिधियों के बीच गुरुद्वारा के विकास, समुदाय की शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं तथा युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के उपायों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई जिसमें सिख समुदाय की भावनाओं और आवश्यकताओं को मथारू ने गंभीरता से सुना और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
प्रधान सरदार निशान सिंह ने उपाध्यक्ष मथारू के आश्वासन और सक्रिय सहयोग के लिए उनका आभार जताया और भविष्य में भी इसी प्रकार संवाद एवं सहयोग की आशा व्यक्त की।

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जमशेदपुर: साक्ची गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान पद के चुनाव में विरोधी दल में उस वक्त खलबली मच गयी। जब निशान सिंह ने पारदर्शी तरीके से अपने कार्यकाल के मात्र तीन साल के हिसाब में लगभग 6 करोड़ की आय दिखाई। जबकि हरविंदर सिंह मंटू ने अपने 6 साल के कार्यकाल में मात्र 45 लाख ही आय दिखाई। पैसों के इतने बड़े अंतर की जानकरी मिलने पर संगत भड़क गयी है। और अब संगत हरविंदर सिंह मंटू से सवाल पूछ रही है। संगत का कहना है कि गुरुद्वारा भी वही है और संगत भी वही है। लेकिन निशान सिंह के मात्र तीन साल के अवधी में लगभग 6 करोड़ और हरविंदर सिंह मंटू के 6 साल में मात्र 45 लाख की आय संदेह पैदा करती है।
संगत द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब लेने के उद्देश्य से सिख मीडिया के संवाददाता ने सरदार निशान सिंह के प्रतिनिधि सरदार जगविंदर सिंह से मुलाकात की।
इस संबंध में सरदार निशान सिंह के प्रतिनिधि जगविंदर सिंह ने संवाददाता को बताया कि उनकी कमेटी द्वारा हर साल बैसाखी पर्व पर हिसाब संगत के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। और उसी प्रकार इस वर्ष भी बैसाखी पर्व पर संगत को पहले हिसाब पढ़कर सुनाया गया। उसके उपरांत हिसाब सार्वजनिक रूप से नोटिस बोर्ड पर लगा दिया गया।
फिर भी यदि विपक्ष को हिसाब समझ नहीं आ रहा है तो वह हमारे पास आकर हिसाब समझ सकते हैं। यदि फिर भी उन्हें हिसाब नहीं समझ आता है तो इस मामले में हम उनकी कोई मदद नहीं कर सकते।
उन्होंने आगे कहा कि संगत की सुविधा के लिए उन्होंने गुरुद्वारा साहिब में पिछले 9 सालों के हिसाब की प्रदर्शनी लगी है। जिसमें हरविंदर सिंह मंटू के 6 साल और निशान सिंह के कार्यकाल के 3 साल के हिसाब को अंकित किया गया है।
इसपर संवाददाता ने जब पूछा कि उन्होंने 9 साल का हिसाब क्यों प्रदर्शित किया तो उन्होंने मुस्कुरा कर जवाब दिया कि संगत को भी पता चलना चाहिए कि मंटू ने 6 साल के लम्बे कार्यकाल के दौरान क्या काम किया और निशान सिंह ने मात्र 3 साल में किस प्रकार गुरु घर की सेवा की।
संवाददाता को उन्होंने बताया कि सरदार निशान सिंह जी के कमेटी पर हिसाब के मामले में जमशेदपुर की कोई एक भी संगत सवाल नहीं उठा रही है। सवाल उठाने वाले चंद लोगों को पढ़ाई लिखाई करने की आवश्यकता है। उन्हें सिर्फ संगत को गुमराह करने के लिए कोई एक मुद्दा चाहिए। लेकिन अब संगत को सच्चाई पता चल चुकी है। हिसाब से संगत संतुष्ट है। और संगत द्वारा सरदार निशान सिंह को उनके आचरण, संस्कार,तथा व्यवहार को देखते हुए दुबारा प्रधान बनाने के लिए जोरदार समर्थन मिल रहा है।
अंत में फिर उन्होंने विपक्ष को सख्त लहजे में कहा कि हिसाब के संदर्भ में उनको हमनें जवाब दे दिया है। फिर भी अगर उन्हें समझ नहीं आता है तो वाहेगुरु उन्हें समत्त बक्शे।