jamshedpur-गौरीशंकर रोड गुरुद्वारा साहिब के प्रधान सरदार अमरजीत सिंह गांधी ने नये साल एवं होला मोहल्ला की बधाई दी।know more about it.
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गौरीशंकर रोड गुरुद्वारा साहिब के प्रधान सरदार अमरजीत सिंह गांधी ने नये साल एवं होला मोहल्ला की बधाई दी।
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जमशेदपुर: शहर के गौरीशंकर रोड स्थित गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार अमरजीत सिंह गांधी एवं उनके समूह पदाधिकारियों ने देश एवं विदेश मे बस रहे नानक नाम लेवा संगत को नानकशाही कैलेंडर के मुताबिक चेत महीने से आरम्भ हो रहे नववर्ष एवं होला मोहल्ला की बधाई प्रेषित की।
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इस अवसर पर गौरीशंकर रोड गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार अमरजीत सिंह गांधी ने कहा कि सिखों का नया साल हर वर्ष चेत महीने के संग्राद से शुरू होती है।

सो सभी सिखों को इसकी जानकारी होनी बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि हालांकि अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक नया साल 1 जनवरी से शुरू होता है। जिसे हम सरकारी कार्यालयों में इस्तेमाल करते हैं। लेकिन नानकशाही कैलेंडर के अनुसार सिख धर्म में नये साल की शुरुआत चैत्र महीने की संग्राद से शुरू होती है।
सरदार अमरजीत सिंह गांधी ने कहा कि गौरीशंकर रोड गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के समूह सदस्यों एवं पदाधिकारियों की तरफ से आप सबको नये साल की बहुत बहुत बधाई। आप सबका आने वाला साल सुख सुविधाओं और समृद्धि से भरा हुआ हो।

क्यों मनाया जाता है होला मोहल्ला और कैसे हुई इस त्योहार की शुरुआत?
होला मोहल्ला सिख समुदाय का बेहद खास त्योहार होता है। इस त्योहार को मनाने के पीछे का मकसद लोगों में प्रेम एकता और वीरता की भावना को बढ़ाना है। तीन दिनों के इस त्योहार में कई खास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जो इसके उत्साह को दोगुना करते हैं। जानें क्या है होला मोहल्ला और कैसे हुई थी इसकी शुरुआत।
इस त्योहार को मनाने के पीछे गुरु गोबिंद सिंह जी का मकसद था कि एक ऐसे समुदाय का निर्माण हो, जो न केवल काबिल योद्धा हो बल्कि, उनमें आत्म-अनुशासन और अध्यात्मिकता में भी कुशल हो। इस त्योहार का उद्देश्य एकता, बंधुत्व, वीरता और पारस्परिक प्रेम फैलाना है। इसलिए सिख समुदाय के लिए यह त्योहार धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व रखता है और दुनियाभर में सिख समुदाय द्वारा इस त्योहार को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।