jamshedpur- बिष्टुपुर गुरुद्वारा में चुनाव की प्रक्रिया आरंभ।

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सिख धर्म के सर्वोच्च श्री अकाल तख्त साहिब,अमृतसर के आदेश अनुसार बिष्टुपुर गुरुद्वारा में चुनाव की प्रक्रिया आरंभ।
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सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जमशेदपुर,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी साक्ची,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सोनारी,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी नामदा बस्ती,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सरजामदा,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी मानगो,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सीतारामडेरा,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी टिनप्लेट,दुपट्टा सागर बिस्टुपुर,मोशन ऐजुकेशन ऐकडमी,सिख विजडम
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जमशेदपुर:चिर प्रतिक्षा के उपरांत आखिरकार जमशेदपुर के बिस्टुपुर गुरुद्वारा साहिब के प्रधान पद के चुनाव की प्रक्रिया आरंभ हो गई है।
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार सिखों के सर्वोच्च न्यायालय श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर द्वारा दिए गए आदेशानुसार स्थानीय सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इस बाबत बिस्टुपुर गुरुद्वारा साहिब में चिट्ठी भेजकर संगत से निवेदन करते हुए कहा कि बिस्टुपुर गुरुद्वारा की नई कमेटी के गठन हेतु चुनाव प्रक्रिया आरंभ की जा रही है।
सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कार्यालय से जारी की गई चिट्ठी में बताया गया है कि इस चुनावी प्रक्रिया को सम्पन्न कराने के लिए पांच सदस्यों वाली टीम का गठन किया गया है। जो सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से निम्नलिखित पांच नाम प्रेषित किए गए हैं। वह इस प्रकार हैं।
1- सरदार शैलेंद्र सिंह
2- सरदार अमरजीत सिंह
3- सरदार सुखविंदर सिंह राजू
4- सरदार दलजीत सिंह
5- सरदार सुरजीत सिंह
सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार भगवान् सिंह ने स्थानीय संगत से अनुरोध किया है कि आप सभी इस चुनाव में अपना सहयोग देकर चुनाव को सफल बनाएं और गुरुद्वारा साहिब के लिए एक अच्छे उम्मीदवार को चुनें। ताकि गुरुद्वारा साहिब में धार्मिक एवं सामाजिक ढांचा मजबूत हो।

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जमशेदपुर: साक्ची गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान पद के चुनाव में विरोधी दल में उस वक्त खलबली मच गयी। जब निशान सिंह ने पारदर्शी तरीके से अपने कार्यकाल के मात्र तीन साल के हिसाब में लगभग 6 करोड़ की आय दिखाई। जबकि हरविंदर सिंह मंटू ने अपने 6 साल के कार्यकाल में मात्र 45 लाख ही आय दिखाई। पैसों के इतने बड़े अंतर की जानकरी मिलने पर संगत भड़क गयी है। और अब संगत हरविंदर सिंह मंटू से सवाल पूछ रही है। संगत का कहना है कि गुरुद्वारा भी वही है और संगत भी वही है। लेकिन निशान सिंह के मात्र तीन साल के अवधी में लगभग 6 करोड़ और हरविंदर सिंह मंटू के 6 साल में मात्र 45 लाख की आय संदेह पैदा करती है।
संगत द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब लेने के उद्देश्य से सिख मीडिया के संवाददाता ने सरदार निशान सिंह के प्रतिनिधि सरदार जगविंदर सिंह से मुलाकात की।
इस संबंध में सरदार निशान सिंह के प्रतिनिधि जगविंदर सिंह ने संवाददाता को बताया कि उनकी कमेटी द्वारा हर साल बैसाखी पर्व पर हिसाब संगत के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। और उसी प्रकार इस वर्ष भी बैसाखी पर्व पर संगत को पहले हिसाब पढ़कर सुनाया गया। उसके उपरांत हिसाब सार्वजनिक रूप से नोटिस बोर्ड पर लगा दिया गया।
फिर भी यदि विपक्ष को हिसाब समझ नहीं आ रहा है तो वह हमारे पास आकर हिसाब समझ सकते हैं। यदि फिर भी उन्हें हिसाब नहीं समझ आता है तो इस मामले में हम उनकी कोई मदद नहीं कर सकते।
उन्होंने आगे कहा कि संगत की सुविधा के लिए उन्होंने गुरुद्वारा साहिब में पिछले 9 सालों के हिसाब की प्रदर्शनी लगी है। जिसमें हरविंदर सिंह मंटू के 6 साल और निशान सिंह के कार्यकाल के 3 साल के हिसाब को अंकित किया गया है।
इसपर संवाददाता ने जब पूछा कि उन्होंने 9 साल का हिसाब क्यों प्रदर्शित किया तो उन्होंने मुस्कुरा कर जवाब दिया कि संगत को भी पता चलना चाहिए कि मंटू ने 6 साल के लम्बे कार्यकाल के दौरान क्या काम किया और निशान सिंह ने मात्र 3 साल में किस प्रकार गुरु घर की सेवा की।
संवाददाता को उन्होंने बताया कि सरदार निशान सिंह जी के कमेटी पर हिसाब के मामले में जमशेदपुर की कोई एक भी संगत सवाल नहीं उठा रही है। सवाल उठाने वाले चंद लोगों को पढ़ाई लिखाई करने की आवश्यकता है। उन्हें सिर्फ संगत को गुमराह करने के लिए कोई एक मुद्दा चाहिए। लेकिन अब संगत को सच्चाई पता चल चुकी है। हिसाब से संगत संतुष्ट है। और संगत द्वारा सरदार निशान सिंह को उनके आचरण, संस्कार,तथा व्यवहार को देखते हुए दुबारा प्रधान बनाने के लिए जोरदार समर्थन मिल रहा है।
अंत में फिर उन्होंने विपक्ष को सख्त लहजे में कहा कि हिसाब के संदर्भ में उनको हमनें जवाब दे दिया है। फिर भी अगर उन्हें समझ नहीं आता है तो वाहेगुरु उन्हें समत्त बक्शे।