Jamshedpur- लू (हीट स्ट्रोक) से बचने के उपाय। Learn more about how to survive the heat strok
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हीट स्ट्रोक क्या होता है?

हीट स्ट्रोक या सन स्ट्रोक को आम भाषा में ‘लू लगना’ बोलते हैं. ये तब होता है, जब आपका शरीर अपने तापमान को कंट्रोल नहीं कर पाता. हीट-स्ट्रोक होने पर शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है और कम नहीं हो पाता. जब किसी को लू लगती है तो शरीर का स्वेटिंग मैकेनिज्म यानी पसीना तंत्र भी फेल हो जाता है और इंसान को बिल्कुल पसीना नहीं आता. हीट-स्ट्रोक की चपेट में आने पर 10 से 15 मिनट के अंदर शरीर का तापमान 106°F या इससे अधिक हो सकता है. समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो इंसान की मौत या ऑर्गन फेल भी हो सकता है.
हीट-स्ट्रोक के लक्षण
हीट-स्ट्रोक के लक्षण अगर पहचान लिए जाएं तो उसके इलाज में समय रहते मदद मिल सकती है. इसलिए हीट-स्ट्रोक के सारे लक्षणों की पहचान होनी जरूरी है.
-सिर दर्द
-डिमेंशिया
-तेज बुखार
-होश खो देना
-मानसिक स्थिति बिगड़ना
-मतली और उल्टी
-त्वचा का लाल होना
-हार्ट रेट बढ़ना
-त्वचा का नर्म होना
-त्वचा का सूखना
हीट-स्ट्रोक से राहत पाने के उपाय
अगर किसी को लू लगती है और उसका समय पर इलाज न किया जाए तो कुछ गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें ऑर्गन फेल, मौत,ब्रेन डेड भी शामिल हैं.अगर किसी को लू लगी है तो तुरंत नीचे बताए हुए प्रारंभिक तरीके अपना सकते हैं.
-जिस व्यक्ति को लू लगी है उसे धूप में न रखें
-कपड़ों की मोटी लेयर हटा दें और हवा लगने दें
-शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए कूलर या पंखे में बैठाएं
-ठंडे पानी से नहलाएं
-शरीर को ठंडे पानी के कपड़े से पोछें
-सिर पर आइस पैक या कपड़े को ठंडे पानी से गीला करके रखें
-ठंडे पानी में भीगे तौलिये को सिर, गर्दन, बगल और कमर पर रखें