CGPC-सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी(CGPC) जमशेदपुर का गौरवमयी इतिहास।know more about

CGPC

Daily Dose News

सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जमशेदपुर ने पिछले 80 साल के अपने गौरवमयी इतिहास में बहुत कुछ उतार चढ़ाव देखा। इस संस्था की सेवा करने वाले मुख्य सेवादारों ( प्रधान ) नें सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी प्रबंधन सम्हालते हुए सिख समाज के आलावा अन्य समाज के लिए भी बिना किसी भेदभाव के कई महत्वपूर्ण कार्य किए। और आजतक करते हुए आ रहे हैं। जैसे सिख गुरुओं ने सिखों को शिक्षा दी। “ना को बैरी, नहीं बेगाना सगल संग हमको बन आयी” सीजीपीसी द्वारा यदि कोई सामाजिक कार्य किया जाता है तो वो सभी धर्मों के लिए बिना किसी भेदभाव के किया जाता है।

सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की स्थापना जमशेदपुर में बढ़ती हुई सिख समुदाय की जनसंख्या और बढ़ते हुए गुरु घर को देखते हुए सन् 1943 में हुई।अक्टूबर 1943 में तार कंपनी के मालिक सरदार कृपा सिंह की अगुवाई में सभी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों की एक बैठक हुई

जिसमें ‘सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी’ के नाम से संस्था बनाने का निर्णय लिया गया सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी नवंबर 1943 में पहले अध्यक्ष सरदार राजेंद्र सिंह दत बनाए गए उसवक्त केवल एक वर्ष के लिए प्रधान चुना जाता था!

उस समय में सरदार राजेन्द्र सिंह दत्त को सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की सेवा मिली जो बहुत ही चुनौतियों से भरा हुआ था। सिख समुदाय को अपने भरोसे में लेकर उन्होंने अपने कार्यकाल में समाज के लिए बहुत से कार्य किए!

Sardar Shalendar Singh,Former President of CGPC

Note: इस लेख में यदि कोई कमी या गलत सुचना होने पर अपने सुझाव मोबाइल नंबर: 8229047688 या [email protected] पर ईमेल करें।
बाकी की जानकारी अगले एपिसोड में दिया जाएगा जी। धन्यवाद

ये समाचार आप सोनारी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सौजन्य से प्राप्त कर रहे हैं।

This News Brought To You By Sonari Gurudwara Parbandhak Committee JSR

CGPC

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *