Good News-“सेवा का सफर: जमशेदपुर से एक नई रोशनी”

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SIKH MEDIA JAMSHEDPUR
जमशेदपुर में सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधीन गुरु रामदास भलाई केन्द्र एवं सिख विजडम ऐकेडेमी का परिचालन किया जा रहा है। जहां स्वास्थ्य के क्षेत्र में जरुरत मंद लोगों को शहर के नामचीन डाक्टरों द्वारा फ्री ओपीडी की सुविधा एवं फ्री दवाईयां दी जाती हैं।

वहीं शिक्षा के क्षेत्र में कक्षा 8 वीं से लेकर 12 वीं तक के सिख बच्चों को सभी विषयों की मुफ्त कोचिंग कराई जाती है। ये परियोजना सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के वर्तमान प्रधान सरदार भगवान् सिंह जी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जोकि उनके पुरी टीम के अथक परिश्रम से सच होता हुआ दिख रहा है। इस परियोजना की शुरुआत आज से तीन वर्ष पूर्व जब सरदार भगवान् सिंह जी ने सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान बने तभी से उनके मन में इच्छा जागृत हुई। और उन्होंने अपने मात्र तीन साल के कार्यकाल में ही शहर के सिख समाज के साथ साथ सभी वर्गों के लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य और शिक्षा का तोहफा दिया।

उनके इस नेक काम में सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सभी पदाधिकारियों ने सरदार भगवान् सिंह के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। फलस्वरूप आज प्रधान सरदार भगवान् सिंह जी द्वारा देखा गया सपना सच होता हुआ दिख रहा है।
बतातें चलें कि जमशेदपुर में सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के इन सेवाओं पर आधारित एक डाक्यूमेंट्री फिल्म जल्द ही संगत को देखने को मिलेगी।
पेश है फिल्म की वॉयस ओवर स्क्रिप्ट।
डॉक्यूमेंट्री वॉइसओवर स्क्रिप्ट (हिंदी) — “सेवा का सफर: जमशेदपुर से एक नई रोशनी”
[ओपनिंग सीन – गुरुद्वारा का दृश्य, सुखमणि साहिब पाठ की मधुर ध्वनि]
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“जहां गुरबाणी की आवाज़ आत्मा को सुकून देती है…
जहां सेवा, सच्चा धर्म बन जाती है…
वहीं से शुरू होती है एक ऐसी यात्रा, जो उम्मीद, सहयोग और इंसानियत की मिसाल बन चुकी है।
यह कहानी है जमशेदपुर की — और गुरु रामदास भलाई केंद्र व सिख विजडम अकैडमी की।”

[सीन – गुरु रामदास भलाई केंद्र की बिल्डिंग, बाहर लोग इंतज़ार करते हुए]
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“जमशेदपुर शहर, जहां औद्योगिक क्रांति की गूंज सुनाई देती है, वहीं कुछ कोने ऐसे भी हैं, जहां सेवा की एक नई क्रांति चल रही है।
सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधीन संचालित गुरु रामदास भलाई केंद्र, एक ऐसा मंच है जहां ज़रूरतमंदों को मिलती है सस्ती नहीं, बल्कि नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएं।”

[सीन – डॉक्टर ओपीडी में मरीजों को देख रहे हैं, फ्री दवाएं वितरित हो रही हैं]
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“यहां शहर के नामचीन डॉक्टर, किसी शुल्क के बिना, अपने समय और सेवा को समर्पित करते हैं।
हर उम्र, हर वर्ग का व्यक्ति यहां आता है — और लौटता है एक नई उम्मीद के साथ।
चाहे मधुमेह हो या उच्च रक्तचाप, आंखों की जांच हो या सामान्य परामर्श — सब कुछ, बिना किसी शुल्क के।
और इसके साथ ही, जरूरतमंद मरीजों को नि:शुल्क दवाइयां भी दी जाती हैं।”
[सीन – बच्चों की क्लास चल रही है, शिक्षक पढ़ा रहे हैं]
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“सेवा सिर्फ शरीर तक सीमित नहीं है, सेवा तब पूरी होती है जब उसका असर भविष्य तक पहुंचे।
इसी सोच के साथ, गुरु रामदास भलाई केंद्र के साथ जुड़ी हुई है — सिख विजडम अकैडमी।
यहां कक्षा 8वीं से 12वीं तक के सिख विद्यार्थियों को दी जाती है नि:शुल्क कोचिंग —
गणित, विज्ञान, अंग्रेज़ी से लेकर मानविकी और वाणिज्य तक, सभी विषय पढ़ाए जाते हैं।”
[सीन – बच्चों से इंटरव्यू, वे पढ़ाई के अनुभव साझा कर रहे हैं]
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“इन बच्चों की आंखों में सिर्फ सपने नहीं, अब उन्हें पूरा करने का आत्मविश्वास भी है।
यह सब संभव हुआ है, एक ऐसे नेतृत्व की वजह से जिसने सेवा को लक्ष्य नहीं, जीवन का मार्ग माना।”
[सीन – सरदार भगवान सिंह जी का क्लोजअप, साथ में टीम मीटिंग्स, परियोजना की योजना]
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“सरदार भगवान सिंह जी, सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के वर्तमान प्रधान,
जिनके दृढ़ संकल्प और सपने ने इस परियोजना को जन्म दिया।
तीन वर्ष पूर्व जब उन्होंने प्रधान का पद संभाला, तभी उन्होंने यह निश्चय कर लिया था —
कि समाज को, खासकर सिख समाज को, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में नई राह दी जाएगी।”
[सीन – पुरानी तस्वीरें, पहले दिन की शुरुआत, पहले ओपीडी की क्लिप]
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“सिर्फ तीन सालों में, इस प्रोजेक्ट ने वो कर दिखाया जो अक्सर दशकों में भी नहीं होता।
एक विचार, एक सोच — जो आज हज़ारों जिंदगियों में बदलाव का कारण बन चुकी है।
यह कोई सरकारी योजना नहीं, यह कोई कॉर्पोरेट CSR नहीं —
यह है सच्ची सेवा का प्रतीक।”
[सीन – कमेटी के बाकी पदाधिकारी, उनकी मेहनत, एकता की झलक]
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“इस नेक काम में, सरदार भगवान सिंह जी का साथ दिया है सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सभी पदाधिकारियों ने —
हर किसी ने कंधे से कंधा मिलाकर कार्य किया।
यह सिर्फ एक व्यक्ति का सपना नहीं था, यह एक सांझा संकल्प था।”
[सीन – भलाई केंद्र में महिलाओं, बुज़ुर्गों और युवाओं की सेवा होती दिख रही है]
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“आज, चाहे वो कोई बुज़ुर्ग हों जिन्हें इलाज की जरूरत है,
या कोई बच्चा जो बड़ी कक्षा की तैयारी कर रहा है —
गुरु रामदास भलाई केंद्र और सिख विजडम अकैडमी,
हर किसी के लिए एक आश्रय स्थल बन चुका है।”
[सीन – गुरुद्वारा में अरदास, अंत में सबका एक साथ खाना खाना (लंगर)]
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“सेवा, समर्पण और संगत —
यही हैं वो तीन स्तंभ, जिन पर यह परियोजना टिकी है।
और इन तीन सालों में, इसने जो भी मुकाम पाया है,
वो एक मिसाल है उन सभी संस्थाओं के लिए, जो सच्चे मन से बदलाव लाना चाहती हैं।”
[एंडिंग – सरदार भगवान सिंह जी की बातों के क्लिप, फिर fade to black]
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“यह कोई अंत नहीं, यह तो शुरुआत है —
एक ऐसी शुरुआत, जहां हर कोई आगे आकर कुछ दे सके समाज को।
जहां शिक्षा और स्वास्थ्य कोई सपना नहीं,
बल्कि हक बन जाए हर नागरिक का।
और यही है गुरु की सच्ची सेवा।”
[टाइटल स्क्रीन – “गुरु रामदास भलाई केंद्र और सिख विजडम अकैडमी — एक सेवा, एक प्रेरणा”]
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“क्योंकि जब सेवा गुरु के नाम से जुड़ती है,
तो उसका असर सिर्फ जीवन तक नहीं, पीढ़ियों तक चलता है।”
(समाप्त)
सरदार भगवान् सिंह जी ने अपने वर्तमान कार्यकाल में गुरु रामदास भलाई केन्द्र एवं सिख विजडम ऐकेडेमी के निर्माण में जो परिश्रम किया है। वह आगे आने वाले समय में और भी ऊचाईयो पर लेकर जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उक्त फिल्म जल्द ही दिखाई जायेगी। आप सबसे निवेदन है कि उक्त फिल्म को देखने के लिए सपरिवार आयें। और सिख समाज द्वारा किये जा रहे सेवा कार्य के बारे में जानें।
