jadugora-आस्था का केंद्र बनता जा रहा है श्री पंच मुखी हनुमान जी का मंदिर.

jadugora

DAILY DOSE NEWS

(SAURABH KUMAR)

जादूगोड़ा माटिगोरा स्थित पंचमुखी हनुमान जी का मंदिर लोगों में चर्चा का विषय है। बीते दो मई को इस मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा पूरे धूमधाम से इस क्षेत्र में हुआ था। मुसाबनी टाटा मुख्य सड़क होने के कारण यह मंदिर में रोड के पूरे समीप है। मुख्य सड़क के समीप होने के कारण आते-जाते श्रद्धालु यहां भक्ति भावना से अपने माथे ठेकाते हुए आपको दिख जाएंगे। श्रद्धालु अपने मनोकामना लेकर मंदिर आते हैं। इस क्षेत्र का यह पहला पंचमुखी हनुमान जी का मंदिर है,

jamshedpur

भगवान हनुमान जी के पांच मुख का वर्णन के अनुसार भगवान श्री राम और रावण के बीच में जब युद्ध हो रहा था, तो इस बीच रावण को ये आभास हुआ कि उसकी सेना युद्ध हार रही है। तभी उसे अपने मायावी भाई अहिरावण से सहायता मांगी। अहिरावण मां भवानी का परम भक्त था और उसे तंत्र विद्या का ज्ञान भी था। उसने अपनी मायावी शक्तियों का प्रयोग करके भगवान राम की पूरी सेना को नींद में सुला दिया। इसी बीच उसने भगवान राम के साथ-साथ लक्ष्मण का अपहरण कर लिया और उन्हें पाताल लोक ले गया।

मां भवानी का भक्त होने के कारण अहिरावण ने भवानी देवी के निमित्त 5 दिशा में 5 दीपक जलाए हुए थे। उसे यह वरदान प्राप्त था कि जो कोई इन पांचों दीपक को एक साथ बुझा पाएगा वही उसका वध कर सकेगा। तब राम जी और लक्ष्मण जी को अहिरावण के चंगुल से बचाने के लिए हनुमानजी को पंचमुखी रूप धारण किया और पांचों दीपकों को एक साथ बुझाकर अहिरावण का वध कर दिया। तब भगवान राम और लक्ष्मण उसके बंधन से मुक्त हो गए।

jamshedpur

यह पांच मुख इस प्रकार से है–
1 :- नरसिंह रूप ,पंचमुखी हनुमान का दक्षिण दिशा का मुख भगवान नृसिंह का है। इस रूप की भक्ति से सारी चिंता, परेशानी और डर दूर हो जाता है।
२- गरुड रूप , पंचमुखी हनुमान का पश्चिमी मुख गरूड का है। जिसके दर्शन और भक्ति संकट और बाधाओं का नाश करती है।
३- अश्व रूप ,पंचमुखी हनुमान का पांचवा मुख आकाश की ओर दृष्टि वाला होता है। यह रूप अश्व यानी घोड़े के समान होता है। श्रीहनुमान का यह करुणामय रूप होता है। जो हर मुसीबत से रक्षा करने वाला माना जाता है।
४- वानर रूप पंचमुखी हनुमान का पूर्व दिशा में वानर मुख है। जो बहुत तेजस्वी है। इसकी उपासना या दर्शन से विरोधी या शत्रु पराजित हो जाता।

PLEASE READ THIS ALSO


jadugora-आस्था का केंद्र बनता जा रहा है श्री पंच मुखी हनुमान जी का मंदिर.


jamshedpur-लाठीचार्ज का सर्वे रिपोर्ट।


jamshedpur-गुरदयाल सिंह ने दी चेतावनी।सोनारी गुरुद्वारा साहिब में फिर बिगड़ सकता है माहौल।


Good job-क्या आप सिखों की इस सेवा के बारे में जानते हैं?

PREVIOUS NEWS

ॐ ह्रीं विपदतारिणी दुर्गायै नम: के मंत्रोच्चार से गुंजायमान हुआ जादूगोड़ा

सौरभ कुमार जादूगोड़ा

विधि-विधान से जादूगोड़ा बराज डैम में हुई मां विपदतारिणी की पूजा संपन्न। जादूगोड़ा मुख्य मार्ग से बराज डैम के समीप मां विपतारिणी की पूजा-अर्चना धूमधाम से भक्तिभाव से की गई। इस दौरान महिलाओं ने मां दुर्गा के विपतारिणी रूप के आगे मत्था टेककर अपने परिवार की सुख- समृद्धि की कामना की साथ ही एक- दूसरे की मांग में सिंदूर लगाकर सदा सुहागिन बने रहने की कामना की। इस धार्मिक आयोजन में बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालु पहुंचे और मां तारिणी के चरणों में माथा टेका। पुजारियों ने भी श्रद्धालु महिलाओं की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर हर विपदा से दूर रहने का आशीर्वाद दिया। विपत्तारिणी पूजा देवी शक्ति को समर्पित एक शुभ उपासना है जो देवी काली की भी अभिव्यक्ति करता है। विपत्तारिणी पूजा रथ यात्रा के बाद और बहुधा रथ के यात्रा से पहले हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की मंगलवार और शनिवार के दिन मनाया जाता है। यह पूजा मुख्यतः बंगाल, ओडिशा, असम के क्षेत्र में मनाई जाती है। बंगाली समाज की महिलाओं द्वारा विशेष तौर पर माँ विपतारिणी की पूजा श्रद्धापूर्वक प्रत्येक वर्ष की जाती है। पूजा कमेटी की ओर से दिवाकर पात्रो बताते हैं कि बीते 14 वर्षों से यहां पूजा बड़ी धूमधाम से मनाया जाता रहा है। बिपतारिणी पूजा आषाढ़ महीने में रथ यात्रा और उलट रथ के बीच पड़ने वाले शनिवार और मंगलवार को मनाई जाती है। इस साल 28 जून, शनिवार और 1 जुलाई मंगलवार को बिपतारिणी पूजा होगी। मौके पर मौजूद चंपावती पात्रो ने बताया कि यह पूजा के पूर्व महिलाओं ने दिनभर उपवास रखकर विपतारिणी व्रत भी रखा। इस पूजा में तेरह किस्म की सामाग्री और उस सामग्री को तेरह की गिनती से गिनकर मां का भोग लगाया जाता है। भोग में पूड़ी, पुआ, पान,सुपारी,लांग ईलायची मूंगदाल, फल, खीर, मिष्ठान , चेरी इत्यादि से भोग लगाया जाता है। इस पूजा में सुहागिन महिलाएं सारा दिन उपवास करती हैं। यह पूजा परिवार के मंगल के लिए और परिवार को आपदा से रक्षा के लिए की जाती है। मां विपतारिणी की पूजा- अर्चना करने के लिए काली मंदिर में शनिवार सुबह से ही महिलाए , पुरुष श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। महिलाएं व्रत रखकर मां के दरबार में पहुंची पूजा- अर्चना की साथ ही मन्नतें भी मांगी। पूजा के उपरांत व्रतियों अन्य भक्तों के बीच में मां का प्रसाद वितरण किया गया। पंडाल में भक्ति का वातावरण देखते ही बन रहा था, और लोगों में गहरी आस्था झलक रही थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *