चुनाव विश्लेषण :


स. भगवान सिंह की जीत कैसे हुई!

Analysis By Gurdeep Saluja: कोल्हान के लगभग 90% गुरुद्वारा कमेटियों में उनकी साफ सुथरी छवि और मानगो गुरुद्वारा में निष्काम भाव से गुरुद्वारा साहिब का विकास कार्य करना और किसान आंदोलन के समय भी तन मन और धन से डटे रहना हालांकि इस प्रकार के आंदोलन का जोकि कृषि कानून के विरोध में था इससे जमशेदपुर के सिखों को कोई विशेष लगाव नहीं था लेकिन स. भगवान सिंह ने जमशेदपुर में कुछ ऐसा किया कि यहाँ का सिख समुदाय भी इनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़ गए और सिख समाज ने महसूस किया कि स. भगवान सिंह धार्मिक समाजिक के साथ साथ प्रशासनिक क्षेत्र में भी अपनी पैठ रखते हैं गुरुद्वारा कमेटियों ने इसे अपने समाज के लिए एक अच्छे विकल्प के रूप में देखा
स. भगवान सिंह जी में सिख पंथ के चढ़दीकला के लिए चिन्तन करने के साथ साथ मिलनसार स्वभाव और समाज के लोगों के हरेक सुख-दुख में साथ खड़े रहना भी वोटरो को प्रभावित किया! और सबसे महत्वपूर्ण बात जो उनके जीत की वजह थी कि वह अपनी उम्मीदवारी पर शुरू से ही मजबूत स्तंभ बनकर अडिग रहे इससे वोटरों में उनका विश्वास और बढ़ गया जबकि दूसरे उम्मीदवार लुका-छिपि कर रहे थे कभी भगवान सिंह को समर्थन देकर सर्वसम्मति बनाने की बात करते तो कभी खुद को ही प्रधान पद का प्रबल दावेदार बताते नजर आये इससे भी उनकी साख पर विपरीत असर पड़ा और वोटरों में अविश्वास की भावना देखने को मिली इन सब बातों का फायदा भी भगवान सिंह को मिला क्योंकि जमशेदपुर शहरी क्षेत्र की ज्यादातर कमेटियां अब रोज रोज के राजनीतिक बयान से उत्पन्न विवादों से उब चुके हैं उनको एक मजबूत विकल्प चाहिए था जोकि वोटरों को भगवान सिंह में दिखाई दिया और उनको एकतरफा जीत प्राप्त हुई!
नोट:- ये विश्लेषण मेरे निजी हैं, किसी को आहत करने के लिए विचार नहीं है
अन्य उम्मीदवार क्यों हार गए इसका Analysis कल के Apisod में होगा
धन्यवाद

Gurdeep Saluja Jamshedpur

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