Ayushman yojana-प्राइवेट अस्पतालों ने आयुष्मान योजना में सेवा बंद कर दी,know more about it.

Ayushman yojana

साभार: सोशलमीडिया

पंजाब में प्राइवेट अस्पतालों ने आयुष्मान योजना में सेवा बंद कर दी है। जानकारी के अनुसार अस्पतालों के करीब 600 करोड़ रुपए पेंडिंग पड़े हैं। अस्पतालों का कहना है कि जब तक रकम का भुगतान नहीं किया जाता तब तक किसी भी मरीज का आयुष्मान योजना के अंतर्गत इलाज नहीं किया जाएगा। अस्पतालों के इस कदम से मरीजों की समस्या बढ़ सकती है।

निजी अस्पतालों ने लगभग 600 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान नहीं होने से आयुष्मान योजना में सेवा बंद कर दी है। निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम का प्रतिनिधित्व करने वाली प्राइवेट अस्पताल एंड नर्सिंग एसोसिएशन होम एसोसिएशन (पीएचएएनए) पंजाब ने कहा कि जब तक सरकार बकाया राशि का भुगतान नहीं करती, तब तक आयुष्मान भारत सरबत बीमा योजना में किसी भी व्यक्ति का इलाज नहीं करेंगे।

42 लाख लोगों के कार्ड बने

पंजाब में इस योजना में 42 लाख लोगों के कार्ड बने हैं। एसोसिएशन के स्टेट प्रेजीडेंट डॉ. विकास छाबड़ा, सीनियर वाइस प्रेजीडेंट डॉ. संदीप गर्ग, स्टेट सेक्रेटरी दिव्यांशु गुप्ता और फाइनांस सेक्रेटरी डॉ. आशीष कुमार ओहरी ने बुधवार को एक निजी होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस योजना में पंजाब में 600 से अधिक निजी अस्पताल व नर्सिंग होम पंजीकृत हैं।

इनमें से लगभग 300 अस्पताल व नर्सिंग होम सक्रिय हैं। लुधियाना में लगभग 70 अस्पताल पंजीकृत हैं। योजना में पंजीकृत अस्पतालों द्वारा इलाज बंद किए जाने से सुपर-विशेषज्ञता सेवाओं किडनी स्टोन सर्जरी, कार्डियक स्टेंटिंग, नवजात विज्ञान आदि पर अधिक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि सरकारी अस्पतालों में सुपर-विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं हैं।

सम्बंधित खबरें


jamshedpur-किसी ने नहीं किया नामांकन वापस, कल पाँच बजे स्क्रूटिनी: रोमी


jamshedpur-साकची गुरुद्वारा प्रधान पद के लिए फार्म लेने के अंतिम दिन चार अन्य लोगों द्वारा फॉर्म लिया गया.


awareness-आधुनिक पावर में हस्ताक्षर अभियान और सेमिनार आयोजित कर तंबाकू के दुष्प्रभावों के प्रति किया गया जागरूक.


jamshedpur-सोनारी गुरुद्वारा साहिब में श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहादत को समर्पित कार्यक्रम का आयोजन।

डॉ. विकास छाबड़ा, डॉ. दिव्यांशु गर्ग ने कहा कि बकाया राशि के भुगतान की मांग को लेकर कई महीने से राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (एसएचए) पंजाब के सीईओ व स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठकें की जा रही हैं परंतु कोई हल नहीं निकला। एसएचए ने समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उल्लंघन कर भुगतान में देरी की है जबकि इलाज किए जाने के पंद्रह दिन के भीतर सरकार को भुगतान करना होता है।

साभार: jagran news

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *